जयपुर। वैशाख शुक्ल पक्ष की मोहिनी एकादशी इस बार मातंग और हर्षण योग में आज मनाई जा रही है। गोविंद देवजी मंदिर में ठाकुरजी को लाल सूती पोशाक पहनाई गई और गोचारण लीला के आभूषणों से श्रृंगार कर फलों का भोग अर्पित किया गया। गोविंद देव जी मंदिर, आनंदकृष्ण बिहारी मंदिर, अक्षयपात्र, इस्कॉन, अक्षरधाम सहित अन्य मंदिरों में सुबह से ही भक्तों का तांता नजर आएगा। यह दिन भगवान विष्णु के मोहिनी अवतार की आराधना को समर्पित है। धर्मग्रंथों के अनुसार, इस एकादशी का व्रत यज्ञ और वैदिक कर्मकांड से भी अधिक पुण्य प्रदान करने वाला माना गया है। शास्त्रानुसार इस एकादशी को पुण्य देने वाली एकादशी का व्रत भी कहा है। भगवान विष्णु ने इस दिनमोहिनी अवतार धारण किया था, इसलिए इस व्रत का नाम मोहिनी एकादशी रखा गया। समुद्र मंथन के समय देवता और दानवों के बीच अमृत कलश को लेकर युद्ध हुआ। भगवान विष्णु ने मोहिनी का रूप धारण कर सभी को मोहित कर दिया। इस दौरान राहु ने देवताओं का रूप धारण करके अमृत का पान किया। इस पर भगवान विष्णु ने राहु का वध किया, लेकिन वो दो भागों में बंट गया, जिससे केतु ग्रह उत्पन हुआ।
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