जयपुर. राज्य सरकार के औद्योगिक निवेश संबंधी सबसे बड़े आयोजन इन्वेस्ट राजस्थान समिट से पहले उद्योग महकमे में अफरातफरी का माहौल है। चार-पांच माह में संयुक्त निदेशक स्तर के चार बड़े अधिकारी स्वैच्छिक सेवानिवृति (वीआरएस) के लिए आवेदन उद्योग आयुक्त को सौंप चुके हैं। इनमें से तीन ने वीआरएस के लिए औपचारिक कारण गिनाया है। सूत्रों की मानें तो मुख्यालय में अधिकारियों के बीच विभिन्न मुद्दों को लेकर जारी आपसी खींचतान से ये हालात बने हैं। िस्थति यह है कि अधिकारी फाइलों पर एक दूसरे पर असामान्य टिप्पणी करने से नहीं चूक रहे। हाल ही वीआरएस देने वाले एक अधिकारी ने तो करीब तीन माह पहले ही आयुक्त उद्योग को फाइल पर ही अपनी पीड़ा भी जाहिर की थी। कोई सुधार नहीं हुआ तो इसी महीने उन्होंने भी स्वैच्छिक सेवानिवृति के लिए आवेदन कर दिया। इधर, लगातार अधिकारियों के मतभेद और खींचतान के ये प्रकरण विभाग के आला अधिकारियाें की नजर में आने के बावजूद सुधार के कोई प्रयास नजर नहीं आ रहे।
परेशान अधिकारी बोले, मुझसे ले लो सारा काम
विभाग के शीर्ष अधिकारियों के बीच फाइलों में एक-दूसरे को निशाना बना कर नोटिंग की जा रही है। बताया जाता है कि अपने खिलाफ लगातार टिप्पणियों से दुखी एक संयुक्त निदेशक ने तो आयुक्त को लिखित में यह कह दिया कि वह अत्यंत दबाव में और दुखी है। ऐसे में ये सारा कामकाज उनसे लेकर किसी और को दिया जाए।
दूसरे को दे रहे वीआरएस राय
अधिकारियों के बीच राजनीति का आलम ऐसा है कि मई में एक प्रकरण में तो एक वरिष्ठ अधिकारी ने दूसरे अधिकारी को खराब स्वास्थ्य के चलते ही वीआरएस देने की सिफारिश कर दी। जबकि संबंधित अधिकारी ने कभी ऐसा आवेदन किया ही नहीं। फाइलों पर अधिकारियों के खिलाफ एफआइआर की सिफारिशें तो आम बात हो गई हैं।