22 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

जयपुर

सचिन पायलट के नाम से कांग्रेस ने बड़ी जाति को किया गुमराह- पूनिया

मुख्यमंत्री पद पर पायलट नाम से बड़ी जाति को किया गुमराह- पूनिया

Google source verification

राजस्थान की 15वीं विधानसभा के लिए सचिन पायलट को मुख्यमंत्री नहीं बनाने पर जाति वर्ग विशेष और समर्थकों में बड़ा रोष हैं। वहीं, इस मुद्दे पर भाजपा प्रवक्ता सतीश पूनिया ने भी बयान दे दिया है।

पूनिया ने कहा कि मुख्यमंत्री पद के लिए सचिन पायलट को बहुप्रचारित कर बड़ी जाति के लोगों को गुमराह किया गया है। कांग्रेस ने मुख्यमंत्री पद को जातियों में बांटने की कोशिश की। कभी माली तो कभी जाट, कभी ब्राहा्रण और कभी गुर्जर के योग्य बताया। राजस्थान के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है। मुख्यमंत्री पद के लिए जाति की नहीं बल्कि योग्यता की जरूरत होती है।

बावजूद सचिन पायलट के बारे में बहुप्रचारित कर एक बड़ी जाति को गुमराह किया गया। वैसे यह पार्टी का अपना फैसला है, लेकिन जातिय तौर पर पद को बांटने की कोशिश उचित नहीं है। पायलट के उपमुख्यमंत्री बनने के बाद लगने वाली सरकारी मशीनरी पर पूनिया ने कहा कि कांग्रेस की फितरत में रहा है ‘मीठा-मीठा गप-गप, खारा-खारा थू-थू । कांग्रेस ने पिछले 50 साल के राज में सरकारी मशीनरी और संवैधानिक संस्थाओं का दुप्रयोग किया है।

 

– ठाकुरजी ने सुनी ली मेरी अर्जी
आमेर विधानसभा सीट पर जीत दिलाने वाले कार्यकर्ताओं को रविवार को सम्मानित किया। इस समारोह के बाद बातचीत में कहा कि, जब से जयपुर आया, मेरी निष्ठा आराध्य देव गोविंद देव जी और शीला माता में रही है। मैं भी मतगणना वाले दिन गोविंद देव जी के दर्शन करने गया था। स्वाभाविक रूप से राजनेता ऐसे अवसर पर उनकी शरण लेते ही हैं। वहां पर मेरे से पहले और भी कई जीते हुए अर्जी लगाए हुए खड़े थे। मैंने भी ठाकुर से दरखास्त लगाई। वहां से निकलने के बाद मतगणना में जैसे-जैसे पेटियां खुली, जीतने वाले आउट होते हुए, लेकिन जिस तरह से परिणाम आए मेरी अर्जी ठाकुरजी ने स्वीकार कर ली। इसलिए आस्थाएं प्रबल होती है। मैं मानता हूं कि भगवान ने हमारी बात रखी। लाज रखी।

 

– पार्टी चुनेगी नेता प्रतिपक्ष का नाम
पूनिया ने कहा कि मुख्यमंत्री की शपथ के बाद विधानसभा की तारीख तय होने से पहले ही नेता प्रतिपक्ष का नाम तय हो जाएगा। पार्टी और विधायक ही योग्य विधायक को प्रतिपक्ष नेता के रूप में चुनेंगे।