मान सिंह ने बिहार को फतेह करने के बाद उड़ीसा विजय अभियान शुरू किया था। उड़ीसा के अफगानी किसी भी कीमत पर मुगलों को राज्य नहीं देना चाहते थे। मान सिंह ने अफगानी सेना के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। करीब दो साल तक चले युद्ध में हजारों अफगानी मारे गए। अंत में मान सिंह के खांडे और मुगलों की तोपों के आगे अफगानियों को घुटने टेकने पड़े।