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संकट में दोनों महापौर की कुर्सियां, समय रहते नहीं संभली तो जाना तय

जयपुर शहर के बढ़ते विस्तार को देखते हुए वर्तमान अशोक गहलोत सरकार ने जयपुर में दो नगर निगम तो बना दिए, लेकिन जनता को इसका फायदा नहीं मिल पाया है। आज हालात ऐसे बन चुके हैं कि दोनों ही नगर निगम मुखिया की कुर्सी संकट में नजर आ रही है।

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जयपुर

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Umesh Sharma

Sep 06, 2022

जयपुर शहर के बढ़ते विस्तार को देखते हुए वर्तमान अशोक गहलोत सरकार ने जयपुर में दो नगर निगम तो बना दिए, लेकिन जनता को इसका फायदा नहीं मिल पाया है। आज हालात ऐसे बन चुके हैं कि दोनों ही नगर निगम मुखिया की कुर्सी संकट में नजर आ रही है। ग्रेटर नगर निगम महापौर सौम्या गुर्जर की बात की जाए तो पूर्व आयुक्त यज्ञमित्र सिंह देव के साथ बदसलूकी मामले में हुई न्यायिक जांच में वो दोषी पाई गई हैं। इसकी रिपोर्ट 23 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट में पेश की जाएगी। वहां से मिलने वलो दिशा-निर्देशों के आधार पर ही सरकार सौम्या गुर्जर के खिलाफ कार्रवाई करेगी। माना जा रहा है कि सौम्या गुर्जर की कुर्सी इस मामले में जा सकती है। बदसलूकी मामले में सरकार पहले ही तीन पार्षदों को बर्खास्त कर चुकी है। हालांकि सौम्या गुर्जर ने इन विपरीत हालातों में भी दो साधारण सभा की बैठक करने के साथ ही संचालन समितियों का गठन कर चुकी है।



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ना बैठक बुला पा रही हैं और ना ही समितियों का गठन कर पाईं

हैरिटेज नगर निगम में भी महापौर मुनेश गुर्जर सभी को साथ लेकर चलने में विफल साबित हुई हैं। निर्दलियों के सहारे चल रही हैरिटेज नगर निगम का कार्यकाल नवंबर में दो साल पूरा हो जाएगा। लेकिन मुनेश गुर्जर पिछले 14 महीने से भी ज्यादा समय बीतने के बाद भी साधारण सभा नहीं बुला पाई है। पहली बार कोर्ट में इस तरह का मामला पहुंचा है। उन्हें अपनों के ही विरोध का डर है। उधर समितियों का गठन करने में भी महापौर विफल साबित हुई है। दो साल बाद अविश्वास प्रस्ताव लाने का प्रावधान है। ऐसे में अंदरखाने उनके खिलाफ पार्षद एकजुट हो रहे हैं।