जयपुर । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को छात्रों के साथ परीक्षा पर चर्चा की। इस दौरान उन्होंने एग्जाम और उसके रिजल्ट के तनाव से बचने का सुझाव भी दिया। साथ ही टाइम बाउंड की बजाय टारगेट बाउंड एग्जाम प्रिपरेशन करने का सुझाव देते हुए अपनी मां से टाइम मैनेजमेंट सीखने की बात कही। इस दौरान उन्होंने ये स्पष्ट किया कि परिवार में कभी आलोचना नहीं होती, पेरेंट्स टोका टोकी जरूर करते हैं क्योंकि उनकी आपसे अपेक्षा होती है, जो गलत नहीं है। लेकिन अभिभावक अपने बच्चों पर सामाजिक अपेक्षा का दबाव ना डालें। वहीं शिक्षकों को नसीहत देते हुए कहा कि शिक्षक विद्यार्थियों के साथ अपनापन बढ़ाए, डंडा वाला रास्ता ना चुनें। इस दौरान उन्होंने तमिल भाषा को सबसे पुरातन भाषा बताते हुए इस पर गर्व होने की बात कही। इस संवाद कार्यक्रम के दौरान उन्होंने पहले डोसा बनाने की विधि सीखने और फिर नॉर्थ इंडिया के लोगों को भी डोसा पसंद होने का उदाहरण देते हुए विविधता में एकता का पाठ पढ़ाया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के परीक्षा पर चर्चा संवाद कार्यक्रम से राजधानी जयपुर में भी कई स्कूलों में बिग स्क्रीन लगाकर छात्रों से जोड़ा गया। इस दौरान मानसरोवर स्थित एक निजी स्कूल में जयपुर शहर सांसद में रामचरण बोहरा पूर्व मंत्री अरुण चतुर्वेदी सहित बीजेपी के कई नेता भी शरीक हुए। इस दौरान रामचरण बोहरा ने कहा कि छात्रों में कॉन्फिडेंस डवलप हो,छात्र किसी तरह तरह के तनाव में ना आए, इसे लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने करीब 2 घंटे तक अलग.अलग राज्यों के विभिन्न स्कूलों के छात्रों से संवाद किया। इस चर्चा में छात्रों को ही नहीं बल्कि अध्यापकों और अभिभावकों को भी जोड़ा गया। छात्रों को मोटिवेट करते हुए टेक्नोलॉजी फास्टिंग,जीवन कभी एक स्टेशन पर नहीं रुकता,कॉन्फिडेंस के साथ अपनी परीक्षा सहजता से दें जैसे मंत्र दिए। उन्होंने कहा कि ये देश के पहले प्रधानमंत्री हैं जो मन की बात कार्यक्रम करते हैं। परीक्षा पर चर्चा करते हैं। उन्होंने ये सिद्ध किया है कि वो केवल प्रधानमंत्री ही नहीं बल्कि अभिभावक के तौर पर काम कर रहे हैं। जिससे छात्रों में कॉन्फिडेंस लेवल भी बढ़ा है।
वहीं छात्रों में बताया कि परीक्षा पर चर्चा सत्र से काफी कुछ सीखने को और मोटिवेशन भी मिलना। पीएम ने बताया है कि परीक्षा के दौरान अभिभावकों की अपने बच्चे को लेकर काफी उम्मीद होती हैए उस उम्मीद को पॉजिटिव वे में लेकर एग्जाम प्रिपरेशन करें। वहीं परीक्षा की तैयारी टाइमबॉन्ड ना करते हुए टारगेटबॉन्ड करना चाहिए। लाइफ में कई डिस्ट्रक्शन आते हैंए उन्हें परे रखते हुए कैसे की तैयारी करनी है ये भी सीखने को मिला। छात्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्मार्ट हार्डवर्क करने की सीख दी। साथ ही टेक्नोलॉजी की फास्टिंग करने की अपील की। जिस पर छात्रों ने कहा कि आज छात्रों ने ही गैजेट को उच्च दर्जा दे दिया है। जिसे कम करने की दरकार है। इस दौरान शिक्षकों के साथ संवाद में निकल कर आया कि एक शिक्षक होने के नाते उन्हें हमेशा क्लास में पूरी तैयारी के साथ जाना चाहिए और यदि वो तैयारी के साथ पहुंचेंगे तो क्लास अनुशासित होकर नॉलेज प्राप्त करेगी।