शुक्रवार से गरमाई यूपी की सियासत शनिवार को शांत होती नजर आई। सोनभद्र हत्याकांड के पीड़ितों से मुलाकात के बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने शनिवार को 26 घंटे बाद अपना धरना खत्म कर दिया। वे शुक्रवार से मिर्जापुर के चुनार गेस्ट हाउस में पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ धरने पर बैठी थीं। प्रियंका ने लोगों से गोलीकांड की जानकारी ली और मृतकों के परिवार को 10 लाख रुपए की मदद का भरोसा दिलाया। इससे पहले प्रियंका ने प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए। प्रियंका ने कहा था कि जब तक पीड़ितों से मिलने नहीं दिया जाएगा, वापस नहीं जाएगी।
आपको बता दे कि प्रियंका गांधी को वाराणसी के ट्रामा सेंटर से निकलते ही नारायनपुर में हिरासत में ले लिया गया था। उन्हें एसडीएम की गाड़ी से चुनार किले के गेस्ट हाउस लाया गया और सोनभद्र के अलावा कहीं भी जाने की छूट दी गई। इसके बावजूद प्रियंका केवल सोनभद्र जाने और पीड़ितों के परिजनों से मिलने पर अड़ी रहीं। प्रियंका को मनाने के लिए देर रात करीब 11 बजे वाराणसी से एडीजी और कमिश्नर भी पहुंचे और दो दौर की बातचीत के बाद भी कोई नतीजा नहीं निकला।
आपको बता दे कि बुधवार को सोनभद्र में गांव के मुखिया और उसके समर्थकों ने आदिवासियों की जमीन पर कब्जा करने का प्रयास किया था। विरोध करने पर 10 आदिवासियों को मार दिया गया। उधर कांग्रेस के पूर्व सांसद प्रमोद तिवारी की अगुआई में एक प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से मुलाकात की। उत्तर प्रदेश में खराब कानून व्यवस्था का मुद्दा उठाया। उधर तृणमूल कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल को बनारस एयरपोर्ट पर हिरासत में ले लिया गया। ये लोग भी सोनभद्र जाना चाहते थे। इस प्रतिनिधिमंडल में तीन सांसद और 2 विधायक थे। इस घटनाक्रम को लेकर कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी हिरासत में लेने और गिरफ्तार करने का दावा करते रहे। वहीं स्थानीय जिला कलेक्टर ने साफ किया कि ना तो प्रियंका को गिरफ्तार किया गया है ना ही हिरासत में लिया है.