जयपुर. आधे से ज्यादा मानसून बीतने के बाद भी पंचायत राज के अधीन तालाबों को लेकर कोताही बरतने पर राज्य सरकार ने जयपुर समेत दस जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किए हैं। पंचायत राज विभाग ने जून और जुलाई में सभी जिलों से विभाग के अधीन करीब तीन हजार से अधिक तालाबों को लेकर रिपोर्ट मांगी थी। लेकिन जयपुर, अजमेर, भरतपुर, दौसा, जोधपुर, जैसलमेर, जालोर, करौली, प्रतापगढ़ और सिरोही के जिला परिषद सीइओ से ये रिपोर्ट नहीं आई।
इसीलिए इन जिलों को नोटिस जारी किए हैं। वर्ष 2003 में राज्य सरकार ने जल संसाधन विभाग के तीन सौ हैक्टेयर तक के तीन हजार से अधिक तालाब पंचायतों को सौंपे थे। इन तालाबों के पूरे रखरखाव की जिम्मेदारी पंचायतों को दी गई थी। मानसून से पहले पंचायत राज विभाग ने सभी सीईओ को वर्षाकाल के दौरान इन तालाबों के प्रबंधन और रखरखाव के निर्देश दिए थे। इसके तहत जिलों को तालाबों का निरीक्षण करा इनकी वस्तुस्थिति, क्रियाशील बनाने के लिए आवश्यक कार्य और राशि का आकलन कर रिपोर्ट भेजने को कहा गया था।
नोटिस में विभाग ने कहा है कि तालाबों को संरक्षित रखने पर हाइकोर्ट ने भी निर्देश दिए हैं। गंभीर कार्य में अरुचि दिखाना विभाग की छवि धूमिल करता है। साथ ही यह उच्चाधिकारियों के निर्देशों की अवहेलना भी दर्शाता है।