जया गुप्ता/जयपुर. सिंधी कैंप पर हाल ही शुरू किए गए नए टर्मिनल से यात्रियों की परेशानी कम होने के बजाए बढ़ गई है। 28 करोड़ रुपए की लागत से बना अत्याधुनिक टर्मिनल तकनीकी रूप से सही नहीं बना है। इसमें बुकिंग काउंटर को भवन के सबसे पिछले हिस्से में बना दिया गया है। इस कारण यात्री टिकट बुकिंग काउंटर तक पहुंच ही नहीं पा रहे हैं। इतना ही नहीं, अलग-अलग रूटों पर जाने वाली बसों की व्यवस्था भी बदली गई है। इसकी जानकारी देने के लिए पर्याप्त साइन बोर्ड भी नहीं लगाए गए। ऐसे में यात्री समझ ही नहीं पा रहे हैं कि जोधपुर रूट की बस कौन से प्लेटफॉर्म से और दिल्ली रूट की बस कौन से प्लेटफॉर्म से मिलेगी।
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प्लेटफॉर्म की यों बदली व्यवस्था
1. पहले डीलक्स प्लेटफॉर्म से डीलक्स (वोल्वो-स्कैनिया आदि) बसें चलती थी और टिकट काउंटर भी वहीं था। अब डीलक्स बसें नए टर्मिनल से चल रही हैं और टिकट भीतर वाले काउंटर से ही मिल रहे हैं। पुराने डीलक्स डिपो से अब केवल खाटूश्यामजी की बसें और विशेष बसें ही चल रही हैं।
2. सिंधी कैंप पर प्रवेश करते ही पहले प्लेटफॉर्म नंबर-1 था। उससे जोधपुर, उदयपुर, अजमेर, चित्तौड़गढ़ आदि रूटों के लिए बस चलती थी। अब इस प्लेटफॉर्म से कोटा, बारां और दिल्ली रूट की बसें चल रही हैं।
3. नए टर्मिनल से डीलक्स के अलावा अजमेर, जोधपुर, उदयपुर रूटों की बसें चल रही हैं।
4. भरतपुर और आगरा रूट की बसें पहले नए टर्मिनल के पास से चलती थी, अब इन्हें प्लेटफॉर्म नंबर तीन पर शिफ्ट कर दिया गया है।
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