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आत्मनिर्भरता की ओर बढ़े कदम, सम्मान के जी रहीं जिंदगी और अच्छे से पढ़ रहे बच्चे

ऑटो या ई-रिक्शा चलाना सिर्फ पुरुषों के बस की बात मानी जाती थी, लेकिन नारी शक्ति ने बता दिया कि वे भी पुरुषों से कम नहीं हैं।

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जयपुर

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Rakhi Hajela

May 27, 2023



जयपुर. ऑटो या ई-रिक्शा चलाना सिर्फ पुरुषों के बस की बात मानी जाती थी, लेकिन नारी शक्ति ने बता दिया कि वे भी पुरुषों से कम नहीं हैं। राजधानी जयपुर में महिलाओं ने ई-रिक्शा के जरिए आत्मनिर्भरता के क्षेत्र में कदम बढ़ाए हैं। यह भले ही खुद कम पढ़ी लिखी हों लेकिन सम्मान से जिंदगी जीने के लिए और बच्चों को अफसर बनाने लिए ई-रिक्शा चलाना शुरू किया और दूसरों के लिए उदाहरण पेश किया है। शहर में वर्तमान में 150 से अधिक महिलाएं ई-रिक्शा चला रहीं हैं।

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बेटों पर निर्भर नहीं 67 साल की मुन्नी बेगम
राजधानी जयपुर की पहली महिला ई-रिक्शा चालक 67 साल की मुन्नी बताती हैं कि पति को दिखाई देना बंद हो गया, ऐसे में उन्हें लगा कि परिवार के लिए कुछ करना चाहिए। इसी सोच के साथ ई-रिक्शा चलाना शुरू किया। शुरू में कुछ परेशानियां भी आईं लेकिन मेरे मानना है कि ई-रिक्शा चलाना बुरा काम नहीं है बल्कि इज्जत से काम करके खा रही हैं और पति की देखभाल भी कर रही है। मुन्नी कहती हैं कि मेरे पांच बेटे हैं लेकिन आज ई-रिक्शा चलाने के कारण मैं अपने बच्चों पर निर्भर नहीं हूं।
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बच्चों को बेहतर परवरिश देने के लिए थामा ई-रिक्शा
सिटी पैलेस के पास ई-रिक्शा चला रहीं 25 साल की सुनीता का कहना है जब महिलाएं बैंक व अन्य कार्यालयों में कंप्यूटर चला सकती हैं तो सडक़ पर ई-रिक्शा या ऑटो चलाने में कोई शर्म महसूस नहीं होनी चाहिए। आर्थिक सम्बल प्रदान करने के लिए पति के साथ ई-रिक्शा चलाना शुरू कर दिया। आठ साल की बेटी और पांच साल का बेटा है। अब हम उन्हें अच्छे स्कूल में पढ़ा पा रहे हैं। चेहरे को हमेशा स्कार्फ से ढक कर रखने की वजह पूछे जाने पर सुनीता कहती हैं कि अपने स्तर पर सावधानी रखनी भी जरूरी है।
लोग करते हैं इनके जज्बे को सलाम
शहर में ई-रिक्शा चला रहीं इन महिलाओं को देखकर हर कोई हैरान रह जाता है। लोग इनकी हिम्मत और जज्बे की जमकर तारीफ करते हैं। इन महिलाओं ने बता दिया कि जहां महिलाएं घर संभाल सकती हैं, तो अपने परिवार का भरण पोषण करने के लिए मैदान में उतरकर मेहनत मजदूरी भी कर सकती हैं। महिलाएं भी जब इनके ई-रिक्शे में बैठती हैं तो उन्हें भी सेफ महसूस होता है।
आठ से दस हजार रुपए तक हो रही कमाई
खास बात यह है कि ई-रिक्शा संचालन को आगे आ रहीं महिलाओं पर दिनभर रिक्शा चलाने की बंदिश नहीं है। ये महिलाएं घर का काम पूरा कर कुछ घंटे ई-रिक्शा चलाती हैं। इससे उन्हें आठ से दस हजार रुपए प्रति माह आमदनी हो रही है।