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जयपुर

शहरवासियों की उमड़ी श्रद्धा, एक लाख से अधिक संगत ने टेका मत्था

फिजाओं में घुली सिंधियत की मिठासमेरा सतगुरु टेऊंराम जगत में जीव उबारन आया

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जयपुर. मानव सेवा और संतों के सान्निध्य में रहकर ज्ञान और वैराग्य की प्रभावना को फैलाने वाले प्रेम प्रकाश मंडल के संस्थापक आचार्य स्वामी टेऊंराम का 137 वां जन्मोत्सव एमआईरोड स्थित अमरापुर दरबार में मनाया। पांच दिवसीय कार्यक्रम के आखिरी दिन शुक्रवार को जयपुर समेत प्रदेशभर से सिंधी समाज के लोग बड़ी संख्या में मौजूद रहे। कार्यक्रम के दौरान सतनाम साक्षी की गूंज दरबार में दिनभर सुनाई दी। सुबह अवतरण समय पर इंद्रदेव ने बूंदों से आचार्य का स्वागत किया इसके बाद अखंड ज्योत प्रज्वलित कर चालिया साहब पाठ का समापन किया। प्रार्थना, भजन सत्संग, एवम सामूहिक चालीसा का पाठ हुआ। संत मोनूराम ने बताया कि स्वामी टेऊंराम सब्र और दयालुता के धनी थे। जीवो पर दया कर जीव हत्या ना करने का संदेश सदैव अपनी ओजस्वी वाणी से दिया। बीडी टेकवानी ने बताया कि इस दौरान रक्तदान शिविर भी लगाया गया। कुल 137 यूनिट रक्त एकत्रित किया। शाम को बच्चों को पुरस्कृत किया गया। 137 किलोग्राम के लड्डू प्रसादी का भोग लगाया, जो भक्तों को बांटा गया। सिंधी समाज का प्रमुख व्यंजन डोडा चटनी, मीठे चावल, छोले , दाल पकवान, मठरी, दस तरह के ज्यूस, फल, मिठाई सहित अन्य व्यंजनों का भोग लगाया।

एक लाख से अधिक भक्तों ने किए दर्शन

एक लाख से अधिक से भक्तों ने पांच दिवसीय उत्सव में शिरकत कर मत्था टेका। बर्फ झांकी, 137 प्रकार के भांति-भांति के व्यंजनों का भोग झांकी, 137 लड्डू महाप्रसाद का भोग लगाया। इस दौरान शहर के सिंधी मंदिरों एवं आश्रमों पर कार्यक्रम हुए। बापू बाजार, नेहरू बाजार, इंदिरा बाजार, मानसरोवर, सांगानेरी गेट पर प्रसाद एवं शरबत की सेवाएं भी राहगीरों के लिए की गई। घर-घर 137 दीपक प्रज्वलित कर प्रकाश उत्सव के रूप में कार्यक्रम हुआ। पूरे मंदिर परिसर में दीपमाला की सजावट की गई। मालवीयनगर, सांगानेर, सीकर रोड, दुर्गापुरा, राजापार्क सहित अन्य जगहों पर भी कार्यक्रम हुए।

हुआ जन्माभिषेक, सजी छप्पन भोग झांकी

जवाहर नगर के सेक्टर पांच स्थित नवनिर्मित झूलेलाल मंदिर में जन्मोत्सव मनाया गया। सुबह जन्माभिषेक किया गया। इसके बाद विशेष श्रृगार किया गया। मुख्य संरक्षक महेश कलवानी ने बताया कि शाम को मंदिर में छप्पन भोग की झांकी सजाई गई। भजन, सत्संग हुआ। स्वामी टेऊंराम की बधाइयां भी गाई गई। भक्तों ने भोजन प्रसादी पाई।

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