क्रेडिट लिंक से जुड़ेंगे स्वयं सहायता समूह
—विभाग जोड़ेगा सभी पंजीकृत एसएचजी को क्रेडिट लिंक से
जयपुर
महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार ने स्वयं सहायता समूहों द्वारा बनाए गए उत्पादों का अधिक से अधिक प्रचार—प्रसार करते हुए इन समूहों को क्रेडिट लिंक से जोड़ने का फैसला किया है। ऐसे समूह जो पंजीकृत है लेकिन जो बैंक से नहीं जुड़े है। उन्हें क्रेडिट लिंक से जोड़ा जाएगा ताकि इन समूहों को बैंक से लोन मिल सके और इसे चुकाने के लिए अधिक ऋण भी नहीं चुकाना पड़े। इसके लिए विभाग ने संबंधित जिला बाल विकास परियोजना अधिकारियों को अपने क्षेत्र में काम कर रहे स्वयं सहायता समूहों के बारे में पता करके उन्हें क्रेडिट लिंक से जोड़ने के निर्देश दिए है।
विभाग के अनुसार वैसे तो पहले से ही क्रेडिट लिंक से स्वयं सहायता समूहों को जोड़ा जा रहा है लेकिन अब भी बड़ी संख्या में ऐसे पंजीकृत समूह है जो अपने बूते ही अपने उत्पादों को बेचने में जुटे है। यदि इन्हें बैंक से कुछ आर्थिक मदद मिल सके तो ये समूह बड़े स्तर पर अपने उत्पाद बेच सकेंगे। और स्वरोजगार के प्रति भी इन समूहों का उत्साह बढेगा।
पिछले साल राजस्थान ग्रामीण आजीविका विकास परिषद के जरिए आगामी तीन महीने में पहले से गठित लगभग 28 हजार महिला स्वयं सहायता समूहों को क्रेडिट लिंक से जोड़ने की बात कही थी। इसके लिए इन समूहों को 192 करोड़ रुपए का ऋण भी दिलाने को कहा था। वहीं महिला एवं बाल विकास विभाग की बात करें तो विभिन्न जिलों में लगभग एक लाख महिला स्वयं सहायता समूह काम कर रहे है। जिन्हें अमृता हाट बाजार के माध्यम से अपने सामान बेचने के लिए मंच उपलब्ध करवाया जाता है।