झाबुआ. राज्य सरकार ने खुले में मांस विक्रय पर प्रतिबंध लगा दिया है। लेकिन नगर सरकार यह प्रतिबंध लागू कराने में विफल रही है। आलम यह है कि नगरपालिका परिसर के 50 मीटर दूर ही बूचड़खाना संचालित हो रहा है। नगर में संचालित 80 प्रतिशत बूचड़खाने नगरपालिका की एनओसी के बगैर संचालित हो रहे हैं। शहर की जनता शहर के बीचों-बीच चलने वाले बूचड़खानों से परेशान हो चुकी है। खुलेआम बिकने वाले मांस को ढंका भी नहीं जा रहा। रहवासी इलाकों में मांस की दुकानें संचालित की जा रही है। रोकने के दौरान विवाद की स्थिति भी बनती है।
चुनावी घोषणा बन कर रह गया बूचड़खाना –
मांस विक्रेताओं को स्थान दिलाने के लिए दोनों ही दलों ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में नए स्लॉटर हाउस की सौगात शहर को देने के दावे किए थे, लेकिन दोनों ही राजनीतिक दल ने इस दावे को पूरा करने के कोई प्रयास ही नहीं किए। कुम्हार मोहल्ला, रविदास मार्ग, रोहिदास मार्ग , बस स्टैंड के पास, नगरपालिका परिसर के बाहर लगने वाले मटन मार्केट को लेकर रहवासियों ने स्थान परिवर्तित करने के लिए कई बाद शिकायती आवेदन दिए, लेकिन मांस विक्रेताओं की संख्या कम होने की जगह बढ़ती जा रही है।
– स्लॉटर हाउस के लिए 21 साल में 3 स्थान देखे –
2017 में मोजीपाड़ा क्षेत्र के सर्वे नंबर 54 पर 1.6 हेक्टेयर जमीन पर बूचड़ खाना बनाने की तैयारी की जा चुकी थी, लेकिन रहवासियों की आपत्ति के बाद 3 साल से चल रही प्रक्रिया को बंद कर दिया। 2020 में बीलीडोज में जमीन देखी गई, लेकिन शहर से एक तरफ होने के चलते ही यहां बात नहीं बनी। 2021 में नगर पालिका ने उदयपुरिया क्षेत्र में स्लॉटर हाउस के लिए जमीन देखी। जब कहीं भी बात नहीं बनी तो 2 माह पहले मोजी पाड़ा सर्वे नंबर 54 में 1.6 हेक्टेयर में से (आधी) O.8 हेक्टेयर भूमि पर अपर कलेक्टर एसएस मुजाल्दा ने नगरपालिका को एक सप्ताह के भीतर स्लॉटर हाउस निर्माण के लिए आदेशित किया, लेकिन नपा की लचर कार्यशैली के आगे यह आदेश भी हवा हवाई हो गया।
बूचड़खाना तोड़कर नया नगरपालिका कार्यालय बनाया –
21 साल पहले नगर पालिका ने बूचड़खाने को तोड़कर नगरपालिका कार्यालय बना दिया गया। उसके बाद से ही शहर में गली , चौराहों , सड़कों के किनारे, हाई वे पर लोग मांस बेच रहे हैं। इन मांस विक्रेताओं को नियत स्थान दिलाने से पहले इन्हें पुराने स्थान से हटाने की गलती का खामियाजा अब जनता भुगत रही है। शहरवासियों का कहना है कि इस ओर नगर पालिका के प्रयास नाकाफी है।
नियम तोड़कर नहीं करना चाहते व्यापार
मटन विक्रेता शाहरुख खान , युनूस कुरैशी ने बताया कि जिला मुख्यालय पर एक भी स्लॉटर हाउस नहीं है। यह पूरी तरह से नगर पालिका की लापरवाही है। नियम तोड़कर व्यापार करना कोई भी नहीं चाहता। पहले यहां जो स्लॉटर हाउस था उसे तोड़कर नगर पालिका ने कार्यालय बना लिया। कई वर्षों बाद भी मांस विक्रेताओं को स्थान नहीं मिला। जबकि 40 से 50 मांस विक्रेताओं का गुजर बसर इसी से चलता है। स्लॉटर हाउस बनाने के लिए चुनाव से पहले वादे किए जाते हैं, लेकिन जीतने के बाद सब कुछ बदल जाता है। हम लोग प्रशासन के साथ है। हम चाहते है कि इस समस्या का जल्द निराकरण निकले। इससे हमारे परिवार के लोग सुकून से जी सके।
सरेआम मांस बेचना जारी
रविंद्र सिंह, देवेंद्र पाटीदार, दशरथ चौहान, शैलेंद्र जैन, राकेश शर्मा, नमिता जोशी, वतन परिहार, स्वप्निल जैन, चिराग जैन, पुनीत मिश्रा, सतीश शर्मा, नीता सक्सेना, ज्योति वर्मा, उपेन्द्र सिंह ने बताया कि नगर पालिका के पास कुम्हारवाड़ा जाने वाले मार्ग पर बूचड़खानों में सरे आम मांस काटना और बेचना जारी है। सड़क से गुजरने वाले आंख नाक मुंह बंद कर गुजरते हैं। इस स्थान के आसपास लोग जाने से कतराते हैं। यहां रहने वाले लोग अपने खिड़की दरवाजे बंद करके रखते हैं। बेतहाशा गंदगी फैली रहती है। अन्य व्यापारियों के यहां ग्राहक नहीं पहुंचते। यहां रहवासी इलाके में चौक पर खुलेआम बूचड़खाने संचालित किए जा रहे हैं।इस समस्या का निराकरण शीघ्र करना चाहिए।
इनका कहना –
स्लॉटर हाउस की जमीन आवंटित हो चुकी है। उसे पर निर्माण की प्रक्रिया चल रही है। यहां वहां खुलेआम बिकते मटन पर लगातार कार्रवाई की जा रही है। जहां कहीं भी खुलेआम मांस विक्रय होगा वहां कार्रवाई की जाएगी।
संजय पाटीदार, सीएमओ, नगरपालिका, झाबुआ
जल्द बनेगा सर्वसुविधायुक्त स्लॉटर हाउस
-प्रक्रिया शुरू की गई है, यह काम सबसे प्राथमिकता से किया जाएगा। जल्द ही सर्व सुविधा युक्त स्लॉटर हाउस मांस विक्रेताओं के लिए बनकर तैयार हो जाएंगे।
– कविता सिंगार, अध्यक्ष, नगर पालिका, झाबुआ
कार्रवाई के लिए टीम गठित
इस संबंध में आवंटित भूमि पर टीन शेड निर्माण कर मांस विक्रेताओं को स्थान देने उनके लाइसेंस की प्रक्रिया पूर्ण करने और सभी माकूल व्यवस्थाएं बनाने के लिए सीएमओ को आदेशित किया था। खुले में मांस विक्रय करने से रोकने के लिए नपा और पुलिस की संयुक्त टीम गठित की गई है।
एसएस मुजाल्दा, अपर कलेक्टर, झाबुआ।