झालरापाटन पंचायत समिति के राउमावि निमोदा में बनाए मतदान केंद्र पर मतदाताओं ने पेयजल, सड़क की समस्याओं को लेकर शनिवार को मतदान का बहिष्कार किया। बाद में मौके पर पहुंचे अधिकारियों के आश्वासन देने पर करीब 2 घंटे बाद मतदान शुरू हो सका।
गांव निमोदा, करमियाखेड़ी, मूडलियाखेड़ी के लिए राउमावि निमोदा में मतदान केंद्र बनाया था। जहां पर सुबह 7 बजे तीनों गांव के लोग एकत्र हुए और मांगों को लेकर जिला प्रशासन एवं थर्मल प्रशासन के विरोध में नारेबाजी और प्रदर्शन करते हुए मतदान का बहिष्कार किया। बहिष्कार की सूचना मिलने पर तहसीलदार नरेंद्र कुमार मीणा, भू अभिलेख निरीक्षक, पटवारी, सदर थाना प्रभारी विजय सिंह, काली सिंध सुपर थर्मल पावर परियोजना के मुख्य अभियंता के.सी मीणा पहुंचे।
जिन्हें ग्रामीणों ने बताया कि काली सिंध थर्मल की स्थापना के समय उनकी जमीने औने-पौने दाम पर लेकर सीएसआर प्रभावित गांव का विकास करने का वायदा किया था, लेकिन इन तीनों गांव में आज भी पेयजल की समस्या है। यहां के कुएं-बावड़ियों का पानी थर्मल के पानी के रिसाव के कारण केमिकल युक्त होने से पीने योग्य नहीं है। यहां के लोगों को पानी झालरापाटन या थर्मल के तालाब से लेकर आना पड़ रहा है। निमोदा से करमाखेड़ी, पाटी रोड व मूडलीयाखेड़ी तक कच्ची सड़क है। इसलिए डेढ़ किमी का डामरीकृत रोड बनाया जाए। राउप्रावि करमा खेड़ी में चार दीवारी नहीं होने से बच्चों को परेशानी आती है। राउमावि निमोदा में सीनियर सेकेंडरी तक कक्षाएं होने के बावजूद विद्यालय में 6 कमरे होने से बच्चों को पढ़ाई में परेशानी आती है।
इस पर थर्मल के मुख्य अभियंता ने बताया कि थर्मल प्रशासन ने वर्ष 2021 में जलदाय विभाग में इन गांव में पीने के पानी की व्यवस्था के लिए 5 करोड़ रुपए जमा कराए थे, लेकिन विभागीय स्तर पर अभी तक यह कार्य शुरू नहीं हुआ है। वह तीन माह में इन गांव में पीने के पानी तथा सड़क बनवाने की व्यवस्था करवा देंगे। उनके इस आश्वासन से सहमत होने के बाद 2 घंटे बाद सुबह 9 बजे से मतदान शुरू हो सका।