जोधपुर.
इसे महिलाओं पर बढ़ते अत्याचारों का डर कहें या फिर जज्बा व हौसला। महिला शक्ति आत्मरक्षा प्रशिक्षण केन्द्र के उद्घाटन के पहले दिन बुधवार को यहां न केवल बेटियों बल्कि उनकी माताओं ने भी प्रशिक्षण लिया।
महज 10 से 15 वर्ष की बालिकाओं ने इसमें पंजीयन कराया। इससे पहले पुलिस कमिश्नर प्रफुल्ल कुमार ने प्रशिक्षण शिविर का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि बालिकाओं व युवतियों ने मजबूत इच्छा शक्ति दिखाई है। आत्मरक्षा के गुर सीखने के बाद वे इसे आगे भी जारी रखें। कार्यक्रम में महिला शक्ति टीम ने आत्मरक्षा का डेमो करके दिखाया। इस मौके डीसीपी (पश्चिम) प्रीति चंद्रा, एडीसीपी (यातायात) निर्मला बिश्नोई सहित कई पुलिस अधिकारी उपस्थित थे। शिविर के पहले दिन 48 युवतियों व महिलाओं ने पंजीयन करवाया। प्रशिक्षण के लिए इच्छुक महिला व युवतियां मोबाइल नम्बर 9530440607 पर सम्पर्क कर सकती है।
अब नहीं सताएगा डर
नागौरी गेट की अनिता अरोड़ा ने बताया कि वह गृहिणी है। उसके 13 वर्ष की दो जुड़वा पुत्रियां पायल व पलक है। दोनों बेटियां अपनी रक्षा स्वयं कर सकें, इसके लिए उनका पंजीयन करवाया। लेकिन बेटियों ने साथ चलने के लिए कहा तो अब वह भी बेटियों के साथ आत्मरक्षा का प्रशिक्षण ले रही है।
मुझे देख, मेरी बेटी भी सीखेंगी
प्रतानगर क्षेत्र की अनिशा ने बताया कि वह प्राइवेट जॉब करती है। आए दिन युवतियों के साथ होने वाली छेड़छाड़ की घटनाओं के मद्देनजर वह अपनी बेटी को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण दिला रही है। लेकिन बेटी अकेले जाने में हिचक रही थी। इस पर वह स्वयं प्रशिक्षण लेने आई ताकि उसे देखकर बेटी व छोटी बहन भी प्रशिक्षण लें
आइपीएस बनना है
11वीं कक्षा की छात्रा वंशिका ने बताया कि वह आइपीएस बनना चाहती है। आइपीएस की तरह वह भी अपने आप को निडर व मजबूत बनाने के लिए शिविर में आई। वंशिका को देख उसकी छोटी बहन प्रियंका व नेहारिका भी शिविर में आत्मरक्षा के गुर सीख रही है।
मार्शल आर्ट की तैयारी
9 वीं कक्षा की छात्रा दीया ने बताया कि वह मार्शल आर्ट में पारंगत होना चाहती है। इसकी तैयारी के लिए पहले आत्मरक्षा का प्रशिक्षण लेगी। उसके बाद मार्शल आर्ट सीखेंगी