जोधपुर।
बनाड़ रोड के पास गैस गोदा क्षेत्र में नारायण नगर निवासी मदनसिंह और गणेश नगर निवासी प्रेमसिंह आपस में साढ़ू हैं। दोनों की पत्नियां रिश्ते में बहनें हैं। इनके दो-दो संतानें हैं और सभी आदर्श नगर में आर्मी चिल्ड्रन अकादमी में पढ़ते हैं। स्कूल की छुट्टी होने पर परिजन बच्चों को लेने रेलवे ट्रैक तक जाते थे। शुक्रवार को मां बच्चों के स्कूल से घर लौटने का इंतजार कर रही थी। बच्चों के लिए पसंद का खाना भी बनाया था। निर्धारित समय पर बच्चे घर नहीं लौटे तो युवराज व अनन्या की मां के मन में शंका होने लग गई थी। तभी कुछ ही देर में रेलवे ट्रैक पर हादसे की सूचना से पैरों तले जमीन खिसक गई। परिजन तुरंत-फुरत में मौके पर भागे, जहां बच्चों के क्षत-विक्षत शव देख सुध-बुध खो बैठी। बाद में उन्हें घर ले जाया गया।
युवराज के मामा शक्तिसिंह राठौड़ का कहना है कि युवराज के एक छोटा भाई है। अनन्या का भाई बड़ा है। चारों बच्चे एक ही स्कूल में पढ़ते थे। रेलवे लाइन होने से परिजन लेने के लिए ट्रैक तक आते थे। शुक्रवार को युवराज व अनन्या घर नहीं पहुंचे। युवराज का छोटा भाई व अनन्या का भाई ही घर आए।
देर रात मां की तबीयत बिगड़ी
उधर, बड़े बेटे युवराज सिंह की मृत्यु का पता लगते ही मां की तबीयत खराब हो गई। वो चीख-चित्कार करने लगी। दूसरे घरवालों ने ढांढस बंधाने का प्रयास किया, लेकिन उनकी रुलाई थमने का नाम नहीं ले रही थी। देर रात युवराज की मां की तबीयत खराब हो गईं। संभवत: बीपी कम हो गया। परिजन उन्हें पावटा अस्पताल ले गए, जहां प्राथमिक उपचार कराया गया।