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जंगलों में कार्रवाई के समय हमला करने वाले 9 आरोपियों को किया गिरफ्तार

मोबाइल बंद कर जंगल में तैयार होती थी कटाई की साजिश, माधुरी पर केस

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बुरहानपुर. वन विभाग ने नेपानगर क्षेत्र के साईखेड़ा, पानखेड़ा, सीवल के जंगलों में हुए अतिक्रमण एवं हजारों पेड़ों की कटाई का जिम्मेदार आदिवासी संगठन को बताकर संगठन की माधुरी बेन के खिलाफ वन अधिनियम की धाराओं में केस दर्ज किया है। संगठन के नाम पर लाखों रुपयों की वसूली की बात भी सामने आई।
एसपी राहुल कुमार लोढा, वन विभाग डीएफओ विजय ङ्क्षसह ने बताया कि नेपानगर के जंगलों में अतिक्रमण एवं हजारों पेड़ों की कटाई के लिए आदिवासी संगठन के पदाधिकारियों ने ही आदिवासियों को प्रेरित किया था। जांच में सामने आया कि जंगलों में छोटी-छोटी मीङ्क्षटग लेकर आदिवासियों को अतिक्रमण करने के बाद पट्टे दिलाने का लालच दिया जाता था। यह बात पुलिस और वन विभाग द्वारा पकड़े गए आरोपियों ने कबूल की है। साक्ष्य के आधार पर संगठन की माधुरी बेन पर वन अधिनियम की धारा 66 ए के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है। लगभग 500 हेक्टेयर से अधिक जंगल में हजारों पेड़ों को काटा गया है।
गुप्त मीङ्क्षटग का ड्रोन कैमरे से फोटोग्राफ
जंगलों में कटाई एवं पट्टों की मांग के लिए होने वाले ञआंदोलन से पहले संगठन के पदाधिकारी जंगलों में मीङ्क्षटग करते थे। लेकिन मीङ्क्षटग से पहले सभी के मोबाइल बंद करवाए जाते थे ताकि प्लान लीक न हो। किसी प्रकार की तस्वीर बाहर नहीं आए। इसी तरह की मीङ्क्षटग का पुलिस ने ड्रोन कैमरे के माध्यम से भी फोटोग्राफ लिए हैं। जंगल कटाई के मुख्य आरोपी फूलङ्क्षसह, हेमा, लीला, सुरङ्क्षसह सहित अन्य आरोपियों से संगठन के पदाधिकरियों की बातचीत भी सामने आई है।
संगठन के नाम पर वसूली
डीएफओ ने बताया कि आदिवासियों से संगठन सदस्यता शुल्क के नाम पर 200-1000 रुपए तक लिए जाते थे। इस राशि का उपयोग धरना, आंदोलन में गांव-गांव से आदिवासियों के लिए वाहन भेजकर एकत्रित करने के लिए होता था। पट्टों का सत्यापन होने के बाद आदिवासियों से 15 हजार रुपए तक वसूले जाते थे। राशि की पर्चियां भी मिलने के साथ लोगों ने वन विभाग में लिखित शिकायतें की है। संगठन को रुपए देने के बाद भी पट्टा नहीं मिलने की शिकायतें मिली है।
अंतराम सहित 8 गिरफ्तार
नेपानगर पुलिस ने वन विभाग, पुलिस एवं प्रशासनिक टीमों पर जंगलों में कार्रवाई के दौरान हमले करने वाले 9 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। मुख्य आरोपी अंतराम अवास्या शामिल है। एसपी ने बताया कि 8 आरोपी वर्ष 2019 के प्रकरणों में शामिल है। जुलाई 2019 में अतिक्रमणकारी आरोपियों द्वारा बदनापुर में वन विभाग की टीम पर तीर, गोफन, पत्थरों से हमला किया गया था। पुलिस ने शिवलाल पिता ङ्क्षरगनिया, दिनेश तड़वी, रामदास पिता रेमला, भूरालाल पिता मत्था, अनिल पिता रेमला, जगदीश पिता हेमा, राकेश पिता रामा, देवीलाल पिता जसवंत सभी निवासी सीवल को गिरफ्तार किया है।
इस तरह रची जाती थी साजिश
डीएफओ के मुताबिक घने जंगल की कटाई एवं अतिक्रमण करने के लिए संगठन के लोग आसपास गांव के लोगों को पट्टे दिलाने का लालच देते थे। उन्हें पहले छोटे, छोटे पेड़ों की कटाई कर 5 साल तक कब्जा बरकरार रखकर के लिए कहा जाता था। फिर बड़े पैमाने पर कटाई होती थी। पुराना कब्जा बताकर वन अधिकार अधिनियम के तहत आवेदन लगाए जाते थे। इसमें संगठन भी सहयोग करता था। माधुरी बेन आदिवासियों के सामने वन अधिकार अधिनियम को तोड़ मरोड़ कर पेश करती थी। 2005 के बाद भी कब्जा करने पर पट्टे दिलाने की बात कही जाती थी।