बुरहानपुर पत्रिका. वन मंडलाधिकारी अनुपम शर्मा का अचानक तबादला आदेश आने के बाद उनके समर्थन में पूरा वन अमला एकजुट हो गया। पहले ग्रामीणों ने उनका स्थानांतरण रुकवाने की मांग की। अब गुरुवार को वन कर्मियों, वन समितियों के पदाधिकारियों ने कलेक्ट्रेट में नारेबाजी की। शासन द्वारा 15 दिन मेंर स्थानांतरण आदेश को वापस नहीं लेने पर बस्ते जमाकर हड़ताल करने की चेतावनी दी। डीएफओ को वन माफियाओं और अवैध अतिक्रमणकारियों पर सख्त कार्रवाई करने वाला अधिकारी बताया।गुरुवार सुबह 11 बजे से वनकर्मी, वन समितियों के पदाधिकारियों का कलेक्ट्रेट में जमा होना शुरू हो गया। दोपहर एक बजे रैली निकाल कर वन कर्मियों ने नारेबाजी कर मुख्यमंत्री के नाम डिप्टी कलेक्टर को ज्ञापन दिया। वन कर्मचारी संघ जिलाध्यक्ष सचिन हबीर ने कहा कि वन माफिया, अतिक्रमणकारियों पर सख्त कार्रवाई कर उन्हें जंगल छोडऩे पर मजबूर करने वाले डीएफओ का दो माह के अंदर ही स्थानांतरण करना गलत है। जंगल में वन माफियाओं का दबाव अधिक होने के बाद भी डीएफओ ने अल्प कार्यकाल में अच्छा काम किया। वन कर्मियों में नई ऊर्जा जागी है, ऐसे में अचानक से अधिकारी का स्थानांतरण करना गलत है।
पहली बार समर्थन में उतरे वन कर्मी
जिले में वन मंडल के किसी अधिकारी का स्थानांतरण रोकने के लिए पहली बार वन कर्मियों के साथ समिति के पदाधिकारी भी मैदान में उतरे हैं। शासन को कर्मचारियों को चेतावनी देते हुए 15 दिन में डीएफओ का स्थानांतरण आदेश वापस नहीं लेने पर बस्ते जमा कर तीन दिन भूख हड़ताल फिर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की बात कही।