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सांसद बोले- बताओ ऐसी जगह टंकियां क्यों बना दी जहां जलस्रोत नहीं

सांसद ने अफसरों को लगाई फटकार

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बुरहानपुर. जल जीवन मिशन में बरती गई लापरवाही पर सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल सख्त नजर आए। बोले हम जब जनता के बीच जा रहें तो कुछ गांव में यह शिकायत सामने आई की पानी की टंकी बनी है, पाइप लाइन डली है, लेकिन पानी नहीं ऐसा क्यों। पीएचई विभाग के कार्यपालन यंत्री प्रताप बुंदेला ने सफाई दी कि दो गांव में टंकियां बन गई है लेकिन बोङ्क्षरग में पानी नहीं होने से टंकिया सूखी पड़ी है। सांसद ने पूछा ऐसी जगह टंकियां का निर्माण ही क्यों किया गया जहां पानी का स्रोत ना हो। शासन की राशि का दुरुपयोग क्यों? टंकियों के निर्माण के पूर्व तकनीकी जानकारी होना चाहिए। इनमें पानी पहुंचाने के लिए संपवेल बनाने पर सभी ने सहमति दी।
यह सख्त तेवर सांसद के शनिवार को कलेक्टोरेट में आयोजित जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति की बैठक में नजर आए। उन्होंने केंद्र सरकार की योजनाओं की समीक्षा कर योजनाओं में लापरवाही एवं गुणवत्ताहीन कार्य होने पर अफसरों को जमकर फटकार लगाई।
सांसद ने पूछा कितने ठेकेदारों पर की कार्रवाई, कराएंगे जांच : प्रधानमंत्री ग्राम सडक़ योजना में सडक़ों के निर्माण में गुणवत्ताहीन कार्य होने पर बैठक में जनप्रतिनिधियों ने नाराजगी जाहिर की। अपने क्षेत्रों में निर्माण के बाद खस्ताहाल हुई सडक़ों के नाम भी गिनाए। सांसद ने भी गंभीरता से इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री ग्रामीण सडक़ योजना के प्रभारी अधिकारी तनेजा से प्रश्न किए। सांसद ने कहा कि जमीनी स्तर पर सडक़ों का गुणवत्तापूर्ण निर्माण नहीं हुआ। आप क्या मॉनिटङ्क्षरग करते हो। खस्ताहाल हुई सडक़े के कितने ठेकेदारों पर कार्रवाई की गई बताओ। हम जनप्रतिनिधियों को गलत जानकारी देकर गुमराह करते हो। कलेक्टर को जिले में बनी सडकों की जांच के लिए कहा तो कलेक्टर ने इस सुझाव को स्वीकार कर कमेटी बनाकर सडकों के निर्माण कार्यों की जांच करने की बात कही।
सड़क मुद्दे पर बोले गुमराह
प्रधानमंत्री ग्राम सडक़ योजना में बनी सडक़ें समय के पहले ही खस्ताहाल होने पर सांसद ने तीन साल के अंदर निर्माण हुई सभी सडक़ों की गुणवत्ता जांच के लिए कमेटी बनाने के निर्देश दिए। निर्माण कार्य में लापरवाही बतरने वाले ठेकेदारों पर कार्रवाई करने के लिए कहा। अधिकांश अफसरों के पास डाटा मौजूद नहीं होने से प्रश्नों के जवाब नहीं दे पाए। उन्होंने कहा कि शहर एवं ग्रामीण क्षेत्रों के जनप्रतिनिधियों को अफसर गुमराह न करें। जनकल्याणकारी योजनाओं का क्रियान्वयन जमीनी स्तर पर कर पात्र व्यक्तियों को लाभ मिलना चाहिए। केंद्र की कई योजनाओं का प्रचार प्रसार नहीं होने से लोगों को इसका लाभ नहीं मिल रहा है। बैठक में नेपानगर विधायक सुमित्रा कास्डेकर, कलेक्टर भव्या मित्तल, जिला पंचायत अध्यक्ष गंगाराम मार्को, महापौर माधुरी पटेल सहित अन्य जनप्रतिनिधि मौजूद थे।
स्वास्थ्य और बिजली का भी उठा मुद्दा
जिला अस्पताल में इलाज के दौरान हो रही लापरवाही एवं मरीजों को निजी अस्पताल रैफर किए जाने का मुद्दा भी बैठक में गूंजा। सीएस को फटकार लगाते हुए कहा कि सरकारी अस्पताल से गरीब मरीजों को निजी अस्पताल में रैफर किया जा रहा है। प्राइवेट अस्पताल के एजेटं अस्पताल में डेरा डाल रखे है। कम्पांउडर मरीजों को निजी अस्पताल में रैफर कर हे है।ऐसा नहीं होना चाहिए।जिले के कई गांवों के मंजरे टोलों में बिजली नहीं पहुंचने पर कारण पूछा गया। शिविर लगाकर गांव, गांव में बिजली देने के निर्देश दिए। फसल बीमा योजना की सही जानकारी किसानों को दे बीमा कंपनी के नियम भी बताएं।