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बंगाल के भांगड़ और चोपड़ा में तीन की मौत, दर्जनों घायल

पश्चिम बंगाल के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के नामांकन के आखिरी दिन गुरुवार को प्रदेश के उत्तरी हिस्से से लेकर दक्षिणी इलाके तक व्यापक हिंसा हुई। उत्तर दिनाजपुर जिले के चोपड़ा और दक्षिण 24 परगना के भांगड़ में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच हुई हिंसा में अब तक तीन जनों के मारे जाने की खबर है। दर्जनों लोग घायल हुए हैं।

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व्यापक हिंसा, उत्तर से लेकर दक्षिण तक बम, गोलियों की बारिश
पंचायत चुनाव नामांकन: सत्ता पक्ष और विपक्ष में भिड़ंत
आगजनी, तोडफ़ोड़ के कई मामले आए सामने
कोलकाता. पश्चिम बंगाल के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के नामांकन के आखिरी दिन गुरुवार को प्रदेश के उत्तरी हिस्से से लेकर दक्षिणी इलाके तक व्यापक हिंसा हुई। उत्तर दिनाजपुर जिले के चोपड़ा और दक्षिण 24 परगना के भांगड़ में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच हुई हिंसा में अब तक तीन जनों के मारे जाने की खबर है। दर्जनों लोग घायल हुए हैं। कई पुलिसकर्मियों को भी चोटे आई हैं। नामांकन खत्म होने के बाद भी हिंसा जारी है। हथियारों से लैस लोगों की टोली हिंसा पर उतारू नजर आई। आगजनी, तोडफ़ोड़ के कई मामले सामने आए हैं। पुलिस पर स्थिति को नहीं संभाल पाने का आरोप है। भांगड़ में फैली हिंसा में आइएसएफ समर्थक मो. मोइनुद्दीन मोल्ला और तृणमूल कार्यकर्ता राशिद मोल्ला की मौत हो गई। कई घायलों को आरजी कर अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अस्पताल सूत्रों के मुताबिक घायलों के शरीर पर गोलियों के निशान पाए गए हैं।

उत्तर दिनाजपुर में तीन को गोली मारी
उत्तर दिनाजपुर के चोपड़ा में नामांकन भरने जा रहे माकपा-कांग्रेस समर्थकों पर अंधाधुंध फायरिंग के आरोप आए हैं। फायरिंग में तीन जने घायल हो गए। जिनमें से एक जना की मौत होने की खबर सामने आई है। स्थानीय सूत्रों के अनुसार गोली लगी हालत में तीन जनों को इस्लामपुर उप जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां एक जना की मौत हो गई। दो अन्य घायलों का इलाज किया जा रहा है।

तीसरे दिन भी उबला भांगड़
दक्षिण 24 परगना के भांगड़ में लगातार तीसरे दिन भी जबरदस्त हिंसा हुई। सत्ता पक्ष और आइएसएफ समर्थकों के बीच खूनी संघर्ष में अब तक दोनों पक्षों के एक-एक समर्थक की गोली लगने से मौत की खबर है। आइएसएफ समर्थकों ने अपने तीन समर्थकों की फायरिंंग में मौत का दावा किया है। दोनों ही पक्षों ने एक दूसरे पर हिंसा भड़काने का आरोप लगाया है।

युद्ध का मैदान बना विजयगंज बाजार
कलकत्ता हाईकोर्ट ने भांगड़ में नामांकन करने के इच्छुक आइएसएफ के 82 प्रत्याशियों को बीडीओ कार्यालय तक पुलिस की सुरक्षा में पहुंचाने का आदेश दिया था। उन्हें पुलिस सुरक्षा में बीडीओ कार्यालय ले जाया जा रहा था। आरोप है कि उसी समय तृणमूल समर्थकों ने कांथालिया चौराहे के पास घेराबंदी की। आरोप है कि पुलिस आइएसएफ कर्मियों को तय समय तक बीडीओ कार्यालय नहीं पहुंचा पाई। गुरुवार को भी विजयगंज बाजार इलाके में जमकर हिंसा हुई। पूरा इलाका युद्ध के मैदान में बदल गया। सैकड़ों बम मारे गए। दर्जनों राउंड गोलीबारी की गई। कई वाहनों में आगजनी, कई घरों में तोडफ़ोड़ की गई। पुलिस की टीम उपद्रवियों पर आंसू गैस के गोले बरसाते दिखी।

नामांकन खत्म होने के बाद भी जारी हिंसा
नामांकन की समय सीमा खत्म होने के बाद भी दोपहर तीन बजे के बाद इलाके में हिंसा जारी रही। आइएसएफ कार्यकर्ता-समर्थक बीडीओ कार्यालय के बाहर जमा हो गए। नामांकन की मांग पर प्रदर्शन किया गया। बीडीओ कार्यालय में भी तोडफ़ोड़ की गई।

हिंसा के लिए विपक्ष जिम्मेदार: सीएम ममता
– राज्य की छवि खराब करने की कोशिश
कोलकाता. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को विपक्षी दलों पर पंचायत चुनाव नामांकन के दौरान हिंसा करा राज्य की छवि खराब करने का आरोप लगाया। उन्होंने भांगड़ की हिंसा के लिए बिना नाम लिए आइएसएफ को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि साम्प्रदायिक नारे देकर तृणमूल को निशाना बनाया गया। वहीं चोपड़ा में हुई घटना पर उन्होंने कहा कि तृणमूल की ओर से गलत काम करने वालों को टिकट नहीं दिया जाना भी कई जगहों पर हिंसा का कारण बना है। परिवार में कई लोग टिकट के दावेदार होते हैं किसी को टिकट देने पर अन्य समस्या पैदा करता है। ममता ने भाजपा शासित त्रिपुरा पंचायत चुनावों का उदाहरण दिया और कहा कि वहां सत्तारूढ़ दल ने पंचायत चुनाव में 90 प्रतिशत सीटों पर निर्विरोध जीत हासिल की थी। उन्होंने वाममोर्चे के शासनकाल में होने वाली हिंसा का भी जिक्र किया। ममता ने कहा कि राज्य के 73 हजार बूथों में से 3-4 बूथों पर अराजकता की स्थिति थी। उन्होंने पुलिस-प्रशासन से कार्रवाई करने को कहा है।