कोरबा. वार्ड क्रमांक 23 पंडित रविशंकर शुक्ल नगर जो कि निगम की सबसे अधिक रिहायशी कॉलोनी है। पांच साल में इस वार्ड का वह हिस्सा जो कि पहले से चमका हुआ था। उसकी चमक और बढ़ गई, लेकिन इसी वार्ड की एक बस्ती पांच साल से सडक़, नाली, पुल सहित मूलभूत समस्याओं से जूझ रहा है। हर साल लोगों को यही बताया गया कि स्टीमेट बनने के बाद जल्द काम होगा, लेकिन इसी आस में पांच साल गुजर गए। अब तो जनता ने भी आस लगानी छोड़ दी है।
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वार्ड की जमीनी हकीकत
बीते पांच साल में नि:संदेह रविशंकर नगर की स्थिति पहले से चमकी है। कॉलोनी में इस तरह काम कराए गए हैं कि वहां की मार्केट अब पहले से बढ़ गया है। लोगों को अब किसी की चीज के लिए डेढ़ किमी दूर घंटाघर नहीं जाना पड़ता। रिहायशी वार्ड का स्वरूप अब दिखने लगा है, लेकिन जनता की मांग है इसके लिए और भी प्रयास किए जाए। निगम की कई दुकानें व उसके आसपास का इलाका बदहाल है इसे भी ठीक किया जाए। वहीं बात करें तो कृष्णानगर की व्यवस्था ठीक करने की तो पार्षद पूरी तरह से नाकाम साबित हुए हैं। दोनों ही जगह की जमीनी हकीकत एकदम अलग है।