Kota News: दो साल के इंतजार के बाद रणथंभौर के जंगलों से लाए गए दो बाघ शावकों में से एक नर को रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व में छोड़ा गया। उसे रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व में बनाए गए 5 हैक्टेयर के एनक्लोजर में छोड़ा गया।
दो साल पहले बाघिन टी-114 की मौत के बाद बाघिन के दो शावकाें को अभेड़ा बायोलॉजिकल पार्क में शिफ्ट किया गया था। इन शावकों में से बुधवार को एक नर शावक को जंगल में छोडा़ गया। एनटीसीए की गाइड लाइन व वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की स्वीकृति मिलने के बाद प्रारंभिक तौर पर नर शावक को रामगढ़ में छोड़ा गया।
दूसरे मादा शावक को जल्द मुकुन्दरा हिल्स टाइगर रिजर्व में छोड़ा जाएगा। इससे पहले शावक को विभाग के अधिकारियों की मौजूदगी में चिकित्सकों की टीम ने शावक को ट्रंकोलाइज किया। करीब 11.30 बजे टीम रामगढ़ के लिए रवाना हो गई। दोपहर एनक्लोजर में छोड़़ दिया गया। फिलहाल जंगल के वातावरण में ढलने तक शावक को एनक्लोजर में रखा जाएगा। सप्ताह भर पहले ही शर्तों के साथ शावकों को जंगल में छोड़ने की अनुमति मिली थी।