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आयुक्त की कार्यशैली से खफा मेयर-पार्षद, सिर पर बजट कापी फेंकी

कोटा दक्षिण नगर निगम बोर्ड की शनिवार को हुई बजट बैठक में कार्यवाहक आयुक्त अम्बालाल मीना की कार्यशैली से खफा सत्ता पक्ष और विपक्ष के पार्षदों ने जोरदार हंगामा किया। प्रतिपक्ष नेता ने कहा कि यदि कार्यवाहक आयुक्त की कार्यशैली से पार्षद सन्तुष्ट नहीं हों तो उन्हें रिलीव करने का प्रस्ताव बोर्ड बैठक में पारित किया जाना चाहिए। इस पर सभी पार्षदों ने हाथ खड़े कर इसका समर्थन किया। बाद में आयुक्त के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित किया गया। एक पार्षद ने बजट की प्रति आयुक्त के सिर पर फेंक दी।

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कोटा

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Deepak Sharma

Feb 04, 2023

कोटा. कोटा दक्षिण नगर निगम बोर्ड की शनिवार को हुई बजट बैठक में कार्यवाहक आयुक्त अम्बालाल मीना की कार्यशैली से खफा सत्ता पक्ष और विपक्ष के पार्षदों ने जोरदार हंगामा किया। पार्षदों का आरोप है कि निगम के अधिकारी जानबूझकर विकास के कामों में रुचि नहीं लेते हैं। आयुक्त पार्षदों की कोई बात नहीं सुनते। बैठक में महापौर खुद लाचारी जताते हुए कई बार कहते रहे कि अधिकारी मेरी भी नहीं सुनते हैं। निगम में लोगों के कोई काम नहीं हो रहे हैं। प्रतिपक्ष नेता ने कहा कि यदि कार्यवाहक आयुक्त की कार्यशैली से पार्षद सन्तुष्ट नहीं हों तो उन्हें रिलीव करने का प्रस्ताव बोर्ड बैठक में पारित किया जाना चाहिए। इस पर सभी पार्षदों ने हाथ खड़े कर इसका समर्थन किया। बाद में आयुक्त के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित किया गया। एक पार्षद ने बजट की प्रति आयुक्त के सिर पर फेंक दी। महिला पार्षदों ने भी आयुक्त को भला-बुरा कहा। वहीं बोर्ड बैठक में विधायक मदन दिलावर और संदीप शर्मा भी शामिल हुए। दिलावर के सम्बोधन के दौरान कांग्रेस पार्षदों ने जोरदार हंगामा करते हुए उन्हें बोलने नहीं दिया। इस दौरान विधायक शर्मा ने माइक संभालते हुए मोर्चा संभालकर पार्षदों को शांत किया। बैठक में 605 करोड़ का बजट पारित किया गया। बैठक करीब चार घंटे चली।

बैठक सुबह 11 बजे शुरू होते ही पार्षदों ने हंगामा खड़ा कर दिया। सत्ता पक्ष और विपक्ष के पार्षदों का कहना था कि पिछली बैठक का अनुमोदन करने से पहले जो प्रस्ताव लिए गए थे, उनकी पालना रिपोर्ट आयुक्त पेश करें। ज्यादातर प्रस्तावों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई, इससे पार्षद खफा हो गए। पार्षदों की शिकायत थी कि आयुक्त न तो उनका फोन उठाते हैं, न चैम्बर में मिलते हैं। जनता के काम नहीं करते हैं। साढ़े चार घण्टे चली बैठक में कार्यवाहक आयुक्त व अधिकारी पार्षदों के निशाने पर रहे।