कोटा. एमबीएस अस्पताल की चिकित्सा व्यवस्थाएं सुधरने का नाम ही नहीं ले रही। अस्पताल में डीआर सिस्टम की एक्सरे मशीन पिछले सात माह से खराब पड़ी है, लेकिन उसे ठीक करने की कोई कवायद नहीं की जा रही। जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही के कारण करोड़ों की मशीन धूल फांक रही है। मशीन के खराब होने पर दूसरी पोर्टेबल मशीन की ट्यूब व इस मशीन का डिटेक्टर लगाकर कर जुगाड़ से मरीजों के स्पाइन, मस्तिष्क व अन्य बीमारियों के एक्सरे से किए जा रहे हैं, जबकि अस्पताल में आने वाले मरीजों के एक्सरे का पूरा भार ही इस मशीन पर रहता है। अस्पताल में रोजाना 300 एक्सरे होते हैं। इनमें से करीब 200 इसी मशीन पर होते थे।
दिसम्बर से खराब पड़ी मशीन
सरकारी क्षेत्र में एमबीएस व नए अस्पताल में ही डीआर मशीन लगी है। एमबीएस में डीआर मशीन दिसम्बर से खराब पड़ी है। उसकी ट्यूब खराब बताई जा रही है। इस मशीन में स्पाइन व मस्तिष्क के एक्सरे होते हैं। यह एक करोड़ से अधिक की जापानी कंपनी की है। इस मशीन के बंद होने से अस्पताल प्रशासन ने जुगाड़ अपनाया हुआ है।
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एसी भी पड़े खराब
एमबीएस के एक्सरे विभाग में 8 कमरों में 12 एसी लगे हुए हैं, लेकिन वे सभी खराब पड़े हैं। मशीनें तो गर्म होती ही हैं। कर्मचारी भीषण गर्मी में पसीने से तर रहते हैं। पंखे लगे हैं, लेकिन धीमी गति से हवा दे रहे हैं।
बाथरूम बनाया, गेट लगाना भूले
एमबीएस के एक्सरे रूम नम्बर 2 में 15 दिन पहले बाथरूम बनाया गया, लेकिन उसका गेट आज तक नहीं लगाया। इससे वह उपयोग में नहीं आ रहा। वहीं, पुरानी इमरजेंसी में एक्सरे कक्ष में बाथरूम नहीं होने से रात में कर्मचारियों को काफी परेशानी होती है। उन्हें बाहर खुले में बाथरूम करना पड़ता है। कई बार रात में मरीज आने पर एक्सरे कक्ष में कर्मचारी नहीं मिलने से परेशानी होती है।
हर माह लिख रहे पत्र
रेडियोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. धर्मराज मीणा ने बताया कि डीआर मशीन को ठीक करवाने के लिए अस्पताल प्रशासन व कंपनी को हर माह पत्र लिख रहे हैं। मशीन जापानी कंपनी की है, लेकिन दिल्ली में उसकी फर्म है। वहां भी सम्पर्क किया, लेकिन कंपनी सपोर्ट नहीं कर रही।
कंपनी को ब्लैक लिस्ट करने को लिखा पत्र
डीआर मशीन एक करोड़ से अधिक की है। मशीन खराब होने को लेकर कंपनी को 6-7 बार पत्र लिख चुके हैं। आज कंपनी को ब्लैक लिस्ट का पत्र लिखा है। बंद पड़े एसी को भी दिखवाकर चालू करवाते हैं। इमरजेंसी में एक्सरे कक्ष में कर्मचारियों के लिए बाथरूम की व्यवस्था भी करवाते हैं। डॉ. दिनेश वर्मा, अधीक्षक