मंडला @ पत्रिका. तीन महीने के अंतराल के बाद जिले में रेत खदानों पर काम शुरू कर दिया गया है। जिसमें भी मनमानी की जा रही है। नदी की धार तक सड़क बनाकर वाहनो ंमें ओवरलोड रेत भरी जा रही है। गौरतलब है कि 2023 से 2026 तक के जिले की 26 रेत खदानों के संचालन के लिए करीब साढ़े 47 करोड़ रुपए वार्षिक रायल्टी दर पर वंशिका कंस्ट्रक्शन ग्रुप को एमडीओ (माइंस डेवलपर एंड ऑपरेटर) नियुक्त किया था। एक महीने बाद ही इसके द्वारा ठेका सरेंडर करने का आवेदन ला दिया गया। माइनिंग कॉर्पोरेशन द्वारा नए सिरे से बुलाए गए टेंडर को कंपनी ने पुन: हासिल कर लिया। वह भी करीब 15 करोड़ रुपए कम पर पर खदाने ली है। खनिज विभाग अधिकारी राहुल शांडिल्य के अनुसार कंपनी ने जिले की 25 रेत खदान का काम 32 करोड़ 38 लाख 12, 445 रुपए में फिर हासिल किया है। जिसके बाद रायल्टी के साथ खदानो से रेत निकाली जा रही है। एक अप्रैल से कंपनी को काम दिया गया है। इधर अनुबंध बिना ही कंपनी ने बंजर नदी में मशीनें उतार दी है। बंजर नदी बरबसपुर रेत खदान के अलावा नदी के दूसरी ओर की अघोषित खदान कातामाल में रेत का उत्खनन मशीनों के जरिए शुरू कर दिया है ग्रामीणों के अनुसार बरबसपुर और कातामाल में पोकलैंड मशीनों के जरिए रेत का उत्खनन किया जा रहा है।
तेज गति से निकलते हैं ट्रेक्टर, डंपर
सूत्रों की माने तो बम्हनी बंजर क्षेत्र के काता, बरबसपुर, भड़िया, सिलगी बंजर पुल, मुगदरा, टाटरी, बहेरी, बंजर से बड़ी मात्रा में रेत की निकासी की जा रही है। बम्हनी बंजर थाना क्षेत्र के नजदीक बरबसपुर, काता रेत खदान होने के कारण परिवहन समय पर हो जाता है। वाहन में डीजल भी कम लगता है। जिसका फायदा ट्रेक्टर, हाइवा, डंफर, 709, ट्रक, संचालक उठा रहे हैं। बरबसपुर और काता से रेत लेकर बम्हनी बंजर के काली चौकी मुगदारा तिराहा से निकल कर ओवरलोड रेत का परिवहन कर रहे डंपर, हाइवा जैसे वाहन भी बेलगाम गति से बस स्टैंड से कन्या शाला स्कूल की तरफ के मार्ग से भाग रहे हैं। जिससे हवेली स्कूल, बस स्टैंड, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र आदि के रहवासी डंफर, हाइवा की धमाचौकड़ी से परेशान है। 12 टन, 16 टन के हाइवा, डंपर में 50 से 60 टन रेत लोड कर ले जा रहे है। जिससे सड़क पर रेत गिरने से वाहन चालक फिसल रहे हैं।