नागौर. नागौर पंचायत समिति के रोहिणी गांव की श्मशान भूमि पर गुरुवार को राजस्थान पत्रिका एवं ग्राम पंचायत के संयुक्त तत्वावधान में ‘हरियाळोराजस्थान’ अभियान के तहत पौधरोपण किया गया। रोहिणी की श्मशान भूमि पर किए गए पौधरोपण में नीम, शीशम, करंज आदि प्रजाति के करीब 500 पौधे लगाए गए। पौधों की सुरक्षा के लिए श्मशान भूमि के चार दीवारी व तारबंदी की गई है, ताकि पौधों को कोई नुकसान नहीं पहुंचा सके। इसके साथ ही पानी की भी व्यवस्था की गई है।
स्थानीय सरपंच महेश शर्मा की अध्यक्षता में आयोजित पौधरोपण कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद पीसीसी सचिव राघवेन्द्र मिर्धा ने बारिश के मौसम में पौधरोपण का कार्य हर बार सरकार के स्तर पर एवं निजी स्तर पर किया जाता है, लेकिन केवल पौधे लगाने से काम नहीं चलेगा। पौधे लगाने के साथ हमें उन्हें पेड़ बनाने की जिम्मेदारी भी लेनी होगी। मिर्धा ने कहा कि एक व्यक्ति को अपने जीवन में कम से कम इतने पौधे तो अवश्य लगाने चाहिए, जितनी उसे सांस लेने के लिए ऑक्सीजन चाहिए। नागौर पंचायत समिति के विकास अधिकारी रामलाल सुथार ने कहा कि एक पौधे को पेड़ बनाना, एक बच्चे को बड़ा करना बराबर है। हमें पौधे लगाने के साथ उन्हें पेड़ बनाने की जिम्मेदारी भी लेनी होगी, तभी हमारा जिला हरा-भरा होगा। पत्रिका के संपादकीय प्रभारी नागेश शर्मा ने राजस्थान पत्रिका के सामाजिक सरोकारों की जानकारी देते हुए हरियाळो राजस्थान अभियान पर प्रकाश डाला तथा मारवाड़ में पर्यावरण के प्रति लोगों में आई जागरूकता की सराहना की।
पौधे हमारे जीवन का आधार
अतिथि के रूप में मौजूद आरएलपी के जिलाध्यक्ष हनुमान भाकर ने कहा कि पौधे हमारे जीवन का आधार है। कोरोना काल में ऑक्सीजन की महत्ता हम देख चुके हैं। पेड़-पौधे पर्यावरण के फेफड़े हैं, इसलिए हम जितने पौधे लगा सकते हैं, उतने लगाएं और उन्हें बड़ा भी करें। अतिथि पूनाराम ने ग्रामीणों को पौधों की जिम्मेदारी देते हुए कहा कि समय-समय इन्हें पानी दें व सुरक्षा का भी ध्यान रखें। साथ ही एक-एक पौधा अपने घर पर लगाएं, ताकि मरूस्थल का क्षेत्र जल्द से जल्द हरा-भरा हो। पशु चिकित्सक डॉ. शंकरराम पूनिया ने राजस्थान पत्रिका की ओर से चलाए जा रहे हरियाळो राजस्थान अभियान की सराहना करते हुए कहा कि पत्रिका हर बार जिला मुख्यालय के साथ गांवों में भी पौधरोपण करवाता है, जिसके परिणामस्वरूप जगह-जगह अच्छे परिणाम आ रहे हैं। डॉ. पूनिया ने कहा कि हम पौधों की पांच साल देखभाल करें तो फिर पेड़ बनने से कोई नहीं रोक सकता। कार्यक्रम को जनप्रतिनिधि श्रवणराम मेहरा व ऊंटवालिया के जनप्रतिनिधि भंवराराम गोदारा ने भी संबोधित किया।
हर व्यक्ति को गोद देंगे एक पौधा
रोहिणी के समाजसेवी प्रेमरतन रोहिणी ने मंच संचालन करते हुए कहा कि पौधों को पेड़ बनाने के लिए उन्होंने सुरक्षा दीवार व तारबंदी सहित अन्य पुख्ता बंदोबस्त किए हैं। इसके साथ गांव के प्रत्येक व्यक्ति को एक-एक पौधा गोद दिया जाएगा, जिस पर उनके नाम की प्लेट भी लगाएंगे। उस पौधे को बड़ा करने की जिम्मेदारी उसी ग्रामीण की होगी। इसके साथ 100 पौधे गांव के रास्तों के दोनों तरफ लगाए जाएंगे, जिनके जेटीए अनिल कुमार स्वामी ने कहा कि श्मशान भूमि पर जो पौधे लगाए गए हैं, उन्हें दीमक व पशुओं से बचाने के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे। पटवारी खुमाराम ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया।
सुबह रोपे पौधे, दोपहर में इंद्र मेहरबान
रोहिणी की श्मशान भूमि पर सुबह पौधरोपण किया गया और दोपहर करीब चार बजे इंद्र मेहरबान हो गए। सरपंच महेश शर्मा ने बताया कि गांव सहित आसपास के क्षेत्र में अच्छी बारिश हो गई। ऐसा लगा जैसे बारिश पौधरोपण का इंतजार कर रही थी। गांव में इस सीजन की पहली अच्छी बारिश हुई है।
इनका रहा सहयोग
पौधरोपण कार्यक्रम में पीएचसी प्रभारी डॉ. पूजा बिडियासर, पूर्व सरपंच गजानंद शर्मा, गिरधारीसिंह पींपासर, किशन पंचारिया, मोहनराम चौधरी, शिवनारायण मेघवाल, किशन बारूपाल, देबूराम बेगड़, जेठमल शर्मा, गोपाल पाईवाल, मनोज कुमार सोनी, पूर्व सरपंच सुरेन्द्र सोनी, जगदीश प्रसाद बाहेती, डॉ. सावन शर्मा, भंवरलाल गोदारा, ललित पंचारिया, हीराराम सारण, नारायण गोदारा, पेमाराम मेघवाल, खेमाराम पूनिया, भंवरसिंह राठौड़, अजीत खान, सुभाष विश्नोई, मदन कड़ेला, वीरबल मेघवाल, हुक्मीचंद पाईवाल, मुन्नालाल शर्मा, मांगीलाल शर्मा, बालीदेवी, कंचन, खुशबू शर्मा आदि मौजूद रहे।