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हे बद्री विशाल ये तूने क्या किया.. ? बद्री विशाल से रो-रो कर पूछता रहा बच्चा, वीडियो देख कलेजा फट जाएगा…

Rudraprayag Bus Accident: एक एक शब्द में दर्द हर एक श्वांस में हताशा, ईश्वर से विनती करते इस बच्चे की आवाज आज पूरा देश सुन रहा, कोई मोबाइल स्क्रीन पर ये वीडियो देख आंखों में आंसू ले आया तो कोई सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस वीडियो को देख अपनी प्रतिक्रिया दे रहा है

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Rudraprayag Bus Accident: इस बच्चे की चीख पुकार सुनी आपने, एक एक शब्द में दर्द हर एक श्वांस में हताशा, ईश्वर से विनती करते इस बच्चे की आवाज आज पूरा देश सुन रहा, कोई मोबाइल स्क्रीन पर ये वीडियो देख आंखों में आंसू ले आया तो कोई सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस वीडियो को देख अपनी प्रतिक्रिया दे रहा है, लेकिन सोचिए इस बच्चे पर क्या बीत रही होगी, पूरा मामला है उत्तराखंड ( Uttarakhand Accident ) के रुद्रप्रयाग ( Uttarakhand Accident ) का जहां एक बड़ा हादसा हो गया, यात्रियों से भरी एक बस अलकनंदा नदी में समा गई और इस हादसे में एमपी के राजगढ़ के 42 वर्षीय विशाल सोनी और उनकी पत्नी 41 वर्षीय गौरी सोनी की भी मौत हो गई। इस दुखद बस दुर्घटना में अपने माता-पिता दोनों को खोने के बाद सड़क किनारे रोते हुए उनके बेटे पार्थ का वीडियो देखकर आप भी रो देंगे। माता पिता की मौत के बाद 10 साल का पार्थ सड़क किनारे बैठा है और भगवान बद्रीनाथ से हाथ जोड़कर, नीचे अलकनंदा नदी पर आंखें गड़ाए रोते हुए कहता है, “हे बद्री-विशाल, आपने क्या किया? हमने क्या गलत किया था? हम आपके भक्त थे!” बच्चे का यह हृदय विदारक वीडियो देख आपका कलेजा भी फट जाएगा। 31 सीटों वाली बस 19 तीर्थयात्रियों को लेकर जा रही थी, जिसमें सभी एक ही परिवार के सदस्य थे, यह बस बद्रीनाथ मार्ग पर एक तीखे मोड़ के पास एक तेज़ रफ़्तार ट्रक से टकरा गई। पार्थ अपने माता-पिता के साथ चार धाम यात्रा के लिए उत्तराखंड गया था, जबकि उसकी बहनें तेजस्विनी (17) और मनस्विनी (15) राजगढ़ में ही रुकी थीं, इस भयावह हादसे से अब तीनों बच्चे अनाथ हो गए हैं, कुदरत भी कितनी कठोर हो जाती है, ये इस वीडियो में साफ झलक रहा, सोशल मीडिया पर कमेंट्स की बाढ़ आ रही है, पर बड़ा सवाल ये है की क्या ऐसे हादसे रुक पाएंगे, क्या दोबारो किसी को अनाथ होने से बचाया जा सकेगा, प्रशासन इन हादसों से सबक ले तो हालात सुधरेंगे, साथ ही हमारी भी ये जिम्मेदारी है की जब भी मौसम खराब हो तो ऐसे दुर्गम स्थानों पर जाने से बच्चें जहां हादसे की संभावना हो, मौसम सही हो तो ही आगे बढ़ें… वहीं प्रशासन जब तक ट्रैफिक नियमों में सख्ती नहीं करेगा तब तक हालात नहीं सुधरेंगे, सतर्क रहें, सावधान रहें, पत्रिका के लिए कृपाशंकर शर्मा की रिपोर्ट