नीमच। शहर का एक मात्र पेयजलापूर्ति करने वाला हिंगोरिया स्थित वाटर फिल्टर प्लांट पर कई समय प्रयास के बाद भी विद्युत ट्रांसफार्मर लगने का कार्य शुरू नहीं हो पा रहा है, अभी भी अधिकारी दो-पांच दिन का नाम ले रहें हैं। बारिश के दिनों में बिजली आपूर्ति बाधित होने के कारण कई बार पेयजलापूर्ति बाधित हो जाती है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार जाजू सागर बांध स्थित इंटकवेल पंप हाऊस और हिंगोरिया वाटर फिल्टर प्लांट पर पिछले साल नवंबर-दिसंबर में रबी सीजन के दौरान खेती-किसानी कार्य के कारण दोनों जगह वोल्टेज कम मिला था। इससे दो महीने तक शहर में पेयजल वितरण व्यवस्था पूरी तरह गड़बड़ा गई थी। हालात यह बने कि बार-बार सप्लाई प्रभावित होने के कारण 35 दिन तक एक दिन की जगह दो दिन छोडक़र पेयजल सप्लाई करना पड़ा था। उसके बाद भी हालात नहीं सुधरे वोल्टेज की समस्या के स्थायी समाधान के लिए दोनों जगह अतिरिक्त विद्युत ट्रांसफार्मर लगाने का निर्णय लिया गया। यह काम इसी साल फरवरी मार्च तक पूर्ण हो जाना था। हालात ये हैं कि अब तक एक जगह भी ट्रांसफार्मर नहीं लगा है और प्रक्रिया कागजों में ही हैं। यदि अब भी समय पर नहीं जागे तो परेशानी जनता को भुगतना पड़ेगी।
केंद्र व राज्य सरकार ने शहरवासियों के लिए शुद्ध पेयजल पर करीब 80 करोड़ खर्च किए
केंद्र व राज्य सरकार ने तो शहरवासियों को समय पर और पर्याप्त शुद्ध पेयजल मिले इसके लिए 10 साल के दौरान करीब 80 करोड़ रुपए से अलग-अलग योजनाएं स्वीकृत की और उन पर काम भी हुआ। हर्कियाखाल स्थित जाजू सागर बांध पर नया इंटकवेल-पंप हाऊस, हिंगोरिया में नया वाटर फिल्टर प्लांट, शहर में तीन नई पानी की टंकियों के निर्माण सहित बांध से लेकर फिल्टर प्लांट और वहां शहर तक नई पाइपलाइन बिछाई गई ताकि शहरवासियों को प्रतिदिन पर्याप्त पानी मिल सके। किन्तु नगरपालिका के जिम्मेदारों के कारण आज तक यह संभव नहीं हो पाया है। आज भी शहर के अधिकांश हिस्सों में एक दिन तो कुछ क्षेत्रों में दो दिन छोडक़र पेयजल सप्लाई होता है, उस पर भी कई बार बिजली समस्या सहित अन्य कारणों से पेयजल सप्लाई व्यवस्था प्रभावित होती है। सबसे ज्यादा दिक्कत नवंबर-दिसंबर के साथ गर्मी में आती है। जाजू सागर बांध व हिंगोरिया फिल्टर प्लांट पर जो बिजली लाइन जोड़ी गई है। वह ग्रामीण क्षेत्रों से जुड़े विद्युत ग्रिड से जुड़ी है। ऐसे में रबी के सीजन में जब खेती-किसानी कार्य के लिए बिजली की ज्यादा जरूरत होती है, तब इन दोनों जगह वोल्टेज की समस्या उत्पन्न हो जाती है। दोनों जगह लगी मशीनें कम वोल्टेज के कारण लोड नहीं ले पाती है और घंटों बंद रहती है। इससे बांध से फिल्टर प्लांट तक पर्याप्त पानी नहीं पहुंचता और प्लांट से शहर की टंकियों तक नहीं पहुंच पाता है। यह समस्या सालों से बनी हुई है। पिछले साल तो हालात ज्यादा बिगड़ गए थे।
फरवरी में पूरा हो जाना था काम
नवंबर-दिसंबर में जब बांध में 18.45 फीट पानी था फिर भी जनता को दो से तीन दिन में पानी मिल रहा था। इस समस्या से निपटने के लिए नपाध्यक्ष व जनप्रतिनिधियों ने जाजू सागर बांध के साथ ही हिंगोरिया फिल्टर प्लांट पर अतिरिक्त विद्युत ट्रांसफार्मर लगाने को मंजूरी दे दी थी। इसके तहत बांध स्थित इंटकवेल पंपिंग स्टेशन पर 500 केवीए और फिल्टर प्लांट पर 750 केवीए क्षमता का अतिरिक्त ट्रांसफार्मर करीब 39 लाख रुपए की लागत से स्थापित होना थे। यह काम फरवरी-मार्च तक होना था, जो अब तक नहीं हो पाया।
इनका यह कहना है
फिल्टर प्लांट पर ट्रांसफार्मर स्थापित करने प्रक्रिया चल रही है। तीन बार टेंडर निकाले गए थे, लेकिन दरो के अधिक होने के कारण निरस्त हो गए। अभी दो-तीन दिन में पीआईसी की बैठक में मंजूरी प्रस्ताव रखा जाएगा। जिसके बाद जल्द टेँडर कराकर पांच-छह दिन में ट्रांसफार्मर स्थापित करने का कार्य शुरू हो जाएगा।
-अरविंद सिंह, उपयंत्री (विद्युत) नपा नीमच
हिंगोरिया स्थित वाटर फिल्टर प्लांट पर ट्रांसफार्मर लगाने का प्रस्ताव बना है, टेंडर की दरो को लेेकर समस्या थी। अभी पीआईसी बैठक में इंजीनियर्स रखने की बात कह रहे है। दरों पर समान विचार लेकर इसे जल्द से जल्द पूरा कर कार्य शुरू करवाया जाएगा।
– स्वाति चौपड़ा, अध्यक्ष नगरपालिका नीमच।