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50 साल पुराना भीलवाड़ा का पुलिस कंट्रोल रूम हुआ कंडम, फिर भी 10 ऑफिस कर रहे काम

भीलवाड़ा शहर के बीचों-बीच पचास साल पुराना भीलवाड़ा पुलिस कंट्रोल रूम परिसर का भवन अब 'कंडम' घोषित होने के बाद भी खस्ताहाल है।, लेकिन सरकारी तंत्र की लापरवाही के कारण आज भी यहां दस से अधिक महत्वपूर्ण पुलिस कार्यालय संचालित हो रहे है।

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भीलवाड़ा। शहर के बीचों-बीच पचास साल पुराना भीलवाड़ा पुलिस कंट्रोल रूम परिसर का भवन अब ‘कंडम’ घोषित होने के बाद भी खस्ताहाल है। सार्वजनिक निर्माण विभाग ( पीडब्ल्यूडी) और नगर विकास न्यास की टीम ने इसे तीन माह पहले ही कंडम घोषित कर दिया था, लेकिन सरकारी तंत्र की लापरवाही के कारण आज भी यहां दस से अधिक महत्वपूर्ण पुलिस कार्यालय संचालित हो रहे है। यह भवन अब पुलिसकर्मियों, अधिकारियों और आमजन के लिए किसी ‘चलते-फिरते बारूद के ढेर’ से कम नहीं है।

सरकारी अनदेखी का ‘विस्फोटक’नज़ारा: 5 करोड़ रुपए की फाइल पर लगी जंग

कंट्रोल रूम की कायापलट के लिए पुलिस प्रशासन की मदद की गुहार पर जिला प्रशासन ने कमर कसी थी। मदद के लिए विधायक अशोक कोठारी ने कदम बढ़ाए। जिला मिनरल फाउंडेशन ट्रस्ट (डीएमएफटी फंड) से पांच करोड़ से अधिक की राशि भी मंजूर हो गई। इसके बावजूद कंट्रोल रूम परिसर पर मंडराते खतरे की महत्वपूर्ण राशि आज भी राज्य सरकार की फ़ाइलों में धूल फांक रही है। प्रशासनिक ढुलमुल रवैया के कारण पुलिस के सबसे महत्वपूर्ण केंद्र टाइम बम बना हुआ है। जर्जर भवन की मरम्मत और पुनर्निर्माण योजना पर ताला लगा है।

खतरे के मुहाने पर पुलिस का ‘अभेद किला

पुलिस कंट्रोल रूम परिसर में दस से ज़्यादा पुलिस के प्रशासनिक कार्यालय काम कर रहे जो रोज संभावित खतरे से आशांकित है। अभय कमांड सेंटर का संचालन जर्जर छत के नीचे हो रहा। पुलिस कंट्रोल रूम आपातकालीन सेवाओं का केंद्र है। यह इमारत कभी भी धराशायी हो सकती है, इससे आपात स्थिति में पूरा शहर ठप हो सकता है। सीओ सिटी ऑफिस, सीओ सदर, त्वरित अनुसंधान निस्तारण दल, महिला थाना, महिला परामर्श केन्द्रख़तरे के साए में काम कर रहे है। इसके अलावा सीओ एसीएसटी सेल, एफएसएल यूनिट, सीआईडी जोन जैसे संवेदनशील कार्यालय भी यहीं है।

प्रशासन से तीखे सवाल-कब जागेगी सरकार?

– कंडम घोषित होने के बाद भी संचालन क्यों: जब पीडब्ल्यूडी व यूआईटी ने भवन को कंडम घोषित कर दिया, तो यहां कार्यालय क्यों चल रहे हैं? क्या जिला प्रशासन किसी बड़े हादसे का इंतज़ार कर रहा है?

– पांच करोड़ के बजट पर ‘ब्रेक’क्यों:डीएमएफटी फंड की राशि जिला स्तर पर मंजूर होने के बावजूद राज्य सरकार से अप्रूवल क्यों नहीं मिल रही? क्या भीलवाड़ा पुलिस की सुरक्षा सरकार की प्राथमिकता में नहीं है?

– कर्मचारियों का जोखिम कौन लेगा: रोज यहां काम करने वाले पुलिसकर्मी और अधिकारी डर के साये में काम कर रहे हैं? इनके जीवन के जोखिम का ज़िम्मेदार कौन होगा?

– आमजन की सुरक्षा का क्या: रोज बड़ी संख्या में फरियादी और आम नागरिक यहां आते हैं। अगर हादसा होता है, तो इसकी जवाबदेही किसकी होगी?

डीएमएफटी फंड से मिलेगी राशि, आधुनिक भवन बनेगा

पुलिस कंट्रोल रूम भवन काफी पुराना हो चुका है। जीर्णोधार की कार्ययोजना बनाई है। योजना की क्रियांवति के लिए डीएमएफटी फंड से राशि मिलनी है। राशि से भवन का आधुनिकीकरण होगा। भवन के निर्माण कार्य के दौरान परिसर में संचालित कार्यालयों को अन्यत्र स्थल पर वैकल्पिक रूप से स्थानांतरित किया जाएगा। प्रयास है कि निर्माण कार्य जल्द शुरू हो।

– धर्मेन्द्र सिंह यादव, पुलिस अधीक्षक, भीलवाड़ा