शहरवासियों के लिए गुरु पूर्णिमा पर्व श्री दादाजी महाराज के प्रति आस्था के साथ बाहर से आने वाले भक्तों के लिए सेवा का पर्व भी है। शहरभर में 450 से ज्यादा छोटे-बड़े स्टॉल लगाकर आने वाले भक्तों की सेवा में कदम-कदम पर पकवान परोसे जाते है। कोई दाल-बाटी खिलाता है तो कोई मालपुआ पकवान। पानी से लेकर चाय, नाश्ता, खाना तक आने वाले भक्तों के लिए नि:शुल्क रहता है। शहर में भंडारा सेवा बुधवार से गुरुवार रात तक अनवरत जारी रहेगी। शहर के चारों नाकों से सेवा शुरू हो जाएगी।
गुरु पूर्णिमा पर्व के एक सप्ताह पूर्व से ही श्री दादाजी धाम में भक्तों के दर्शन करने का सिलसिला शुरू हो चुका है। मंगलवार को यहां करीब 30 हजार दर्शनार्थियों ने श्री समाधि पर माथा टेका। मंदिर ट्रस्ट द्वारा सोमवार से ही भंडारा प्रसादी आरंभ कर दी गई है। यहां प्रसादी वितरण के लिए 12.5 क्विं. बेसन, 25 क्विं. शकर और 144 पीपे घी से बूदी भी बनाई जा रही है। मंगलवार सुबह पूड़ी-सब्जी, कड़ी-खिचड़ी और शाम को रोटी-सब्जी, कड़ी खिचड़ी प्रसादी परोसी गई। दिनभर में पांच हजार से ज्यादा भक्तों ने प्रसादी पाई। वहीं, प्रसादी स्वरूप दादाजी महाराज की चादर भी दी गई।
जो खाएगा टिक्कड़, वो रहेगा फक्कड़
बड़े दादाजी केशवानंद महाराज को खाने में सबसे प्रिय टिक्कड़ ही था। दादाजी महाराज कहते थे जो खाएगा टिक्कड़, वो रहेगा फक्कड़। दादाजी द्वारा लगाए जाने वाले भंडारों में भी टिक्कड़ प्रसादी ही बनती थी। श्री पटेल सेवा समिति द्वारा भी वर्षभर टिक्कड़ प्रसादी ही वितरण की जाती है। समिति के मदन भाउ ठाकरे ने बताया कि पर्व के लिए तीन दिन में 25 क्विंटल आटे की टिक्कड़ प्रसादी बनाई गई है, जो सभी भक्तों को वितरण की जा रही है।
आज पलाश के पत्तों से बने पत्तल-दोने का वितरण
स्वच्छ सर्वेक्षण और इको फ्रेंडली भंडारों के लिए नगर निगम द्वारा हर साल पलाश के पत्तों से बने पत्तल दोनों का वितरण किया जाता है। बुधवार को प्रात: 9 बजे पत्तल दोनों का वितरण नगर निगम परिसर में महापौर अमृता अमर यादव द्वारा किया जाएगा। ये पत्तल दोने शहर में होने वाले सभी भंडारा संचालकों को नि:शुल्क उपलब्ध कराए जाएंगे। करीब चार लाख पत्तल दोनों का वितरण बुधवार को होगा।