प्रोजेक्ट में छात्राओं ने कॉलेज में लगाए 121 परिंडे
रंगीन परिंडों पर मिल रही इतिहास, राजनीति व दर्शनशास्त्र की जानकारी
बाड़मेर। मई-जून की गर्मियों में अपनी पढ़ाई के साथ पक्षियों के लिए सोचना बढ़ी बात है। शहर के एमबीसी राजकीय कन्या महाविद्यालय की छात्राओं ने इस बार प्रोजेक्ट को नया रुप देते हुए पक्षियों के लिए परिंड़े लगाए है। प्रत्येक परिंडे पर प्रोजेक्ट के रुप में जानकरी दी गई। अभी तक इन छात्राओं ने तीन माह में 121 परिंडे लगा चुकी है।
शहर के स्थानीय एमबीसी राजकीय कन्या महाविद्यालय में इतिहास के सहायक आचार्य जितेन्द्र कुमार बोहरा ने नवाचार करते हुए गर्मियों में पक्षियों के लिए परिंडे लगाने के लिए कॉलेज की छात्राओं को प्रेरित किया। उन्होंने बीए चतुर्थ सेमेस्टर की छात्राओं को परिंडे लगाने के लिए समूह बनाए। परिंडों को छात्राओं ने कलात्मक और क्ले ऑर्ट से सजाया। इन पर अध्ययन की सामग्री भी अंतिक कर दी। इन परिंड़ों को दाना व पानी से भरने की जिम्मेदारी भी इन छात्राओं को दी। अभियान को निरंतर चलाने के लिए तीन माह बाद पानी व चुग्गे की जिम्मेदारी एनएसएस स्वयंसेविकाएं संभालेगी।
बेटियों ने किया नवाचार, पक्षियों को छांव में मिलेगा दाना-पानी
इस अभियान के तहत गर्मियों में पक्षियों को पानी व चुगे की व्यवस्था की गई। कॉलेज में लगे पेड़ों पर छात्राओं ने प्रोजेक्ट के रुप में परिंडे तैयार किए है। इन परिंडों पर इतिहास, राजनीति व दर्शन शास्त्र के साथ कई जानकारियों दी गई। साथ ही इनकों क्ले आर्ट, डेकोरेटेड, अलंकारों से सजाया गया। इन परिंडों में पानी भरने व चुग्गा डालने की जिम्मेदारी प्रोजेक्ट छात्राओं दी गई है।
डॉ. मुकेश पचौरी
प्रार्चाय
राजकीय एमबीसी कन्या महाविद्यालय
कॉलेज परिसर में की पक्षियों के चुग्गे-पानी की व्यवस्था
हमने इतिहास विषय में कॉलेज परिसर में पक्षियों के पानी तथा दर्शनशास्त्र में चुग्गे के लिए परिंडे लगाए है। जिस पर स्वतंत्रता संग्राम की घटनाएं तथा विभिन्न दर्शन से संबंधित जानकारियां उकेरी है।
हीना गोयल
समूह बना कर किया काम
पहले हमने तीन-चार छात्राओं के समूह बनाए। फिर परिंड़ों को डेकोरेटेड किया। टीम के समन्वय से ही नियमित पानी भरने के साथ या चुग्गा भी डालते हैं। इससे टीम भावना का भी विकास होगा।
जया
प्रोजेक्ट के रुप में नवाचार
पिछले साल प्रोजेक्ट में फाईलें बनाकर चार पांच सवालों के उत्तर लिख देते थे। वो बहुत नीरस था। अब यह प्रोजेक्ट रोचक लगने लगा है। सीखने को भी मिल रहा है।
हवा गौड़
सेवा भाव से जुड़ा प्रोजेक्ट
एनएसएस में हम सेवा का भाव सीखते ही है, इस बार हमने पक्षी, परिंडा, पानी, पढ़ाई, प्रोजेक्ट और पुण्य का अद्भुत समन्वय देखा है।
ललिता सोनी