डूंगरपुर. शिक्षण संस्थाओं में रैगिंग करना अपराध है। पर इसके बावजूद डूंगरपुर जिले के मेडिकल कॉलेज में रैगिंग करना सीनियर स्टूडेण्ट्स के लिए आम बात हो गई है। जिले के मेडिकल कॉलेज में पिछले दिनों सीनियर्स स्टूडेण्ट्स की ओर से प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों के साथ मानवीय हदों को पार कर रैगिंग करने का मामला सामने आया है। रैगिंग पीडि़त एक विद्यार्थी की जान पर बन आने के बाद मेडिकल कॉलेज और पुलिस प्रशासन हरकत में आया है। रैगिंग का नतीजा यह रहा कि एमबीबीएस प्रथम वर्ष के विद्यार्थी की किडनियां और लीवर में जानलेवा इंफेक्शन फेल गया है और वह अहमदाबाद के निजी चिकित्सालय के आईसीयू वार्ड में जिंदगी और मौत के बीच लड़ता रहा। लाखों रुपए खर्च होने के बाद आठ दिन बाद चिकित्सालय से छूट्टी मिली। हालांकि, अभी भी विद्यार्थी की हालात नाजूक बनी हुई है। तपती दोपहरी में पहाड़ी पर बुलाया… पुलिस में दर्ज कराई रिपोर्ट के अनुसार 15 मई को द्वितीय वर्ष के विद्यार्थियों ने प्रथम वर्ष के पूरे बैच को कॉलेज के पास ही स्थित एक पहाड़ी पर भरी दूपहरी में बुलाया। ऐेसे में अधिकांश विद्यार्थी वहां पहुंचे। यहां सीनियर स्टूडेण्ट्स ने प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों की रैगिंग लेनी शुरू करते हुए तपती दुपहरी में उठक-बैठक लगवाना शुरू कर दिया। इसमें से कई विद्यार्थियों ने डर के चलते उठक-बैठक करनी शुरू कर दी। लेकिन, कॉलेज से दूर चल रहे इस घटनाक्रम की मेडिकल कॉलेज प्रशासन को भनक नहीं लगी। लेकिन, एक विद्यार्थी की तबीयत खराब होने से रैगिंग की पूरी परतें खुल गई है। 350 उठक-बैठक लगवाई… पत्रकार कॉलोनी निवासी जिला शिक्षा अधिकारी प्रारम्भिक कार्यालय के सामने स्थित प्रथम पुत्र दीपेन व्यास राजकीय आर्युविज्ञान डूंगरपुर में प्रथम वर्ष का विद्यार्थी है। पुलिस में दर्ज रिपोर्ट के अनुसार सीनियर स्टूडेण्ट्स ने करीब सभी विद्यार्थियों को उठक-बैठक लगवाई। पीडि़त विद्यार्थी प्रथम के पिता दीपेन व्यास ने बताया कि उस दिन तापमान करीब 48 डिग्री था। इस दौरान पहाड़ी पर पुत्र को करीब 350 से अधिक उठक-बैठक लगवाई। इससे प्रथम निठाल हो गया। घर आने के साथ ही उसके पैरों एवं शरीर आदि में दर्द होने लगा। करीब दो दिन की जांच में पता लगा कि लगातार उठक-बैठक होने से शरीर में बैक्टरिया फैल गए हैं तथा यह किडनी एवं लीवर को डेमेज करने लगे है। ऐसे में प्रथम को तत्काल अहमदाबाद के निजी चिकित्सालय में भर्ती किया। यहां डॉक्टरों ने उसकी हालात गंभीर बताते हुए आईसीयू वार्ड में भर्ती किया। करीब आठ दिन भर्ती के दौरान उसको डायलासीस से भी गुजरना पड़ा। प्रथम का 22 से 30 मई तक उपचार हुआ। … डर से नहीं आ रहे हैं सामने मेडिकल कॉलेज के सूत्रों के अनुसार सीनियर स्टूडेण्ट्स ने पूरी क्लास के विद्यार्थियों को बुलाया था और उनकी संख्या करीब 60 से अधिक थी। पर, अन्य कोई विद्यार्थी सामने नहीं आया है। रैगिंग का मामला सामने आने पर एंटी रैगिंग कमेटी का गठन किया है। इधर, प्रथम ने इस मामले की जानकारी पिता को नहीं दी थी। बाद में तबीयत ज्यादा खराब होने पर चिकित्सकीय जांच के बाद पूरा मामला सामने आया। पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज मेडिकल कॉलेज की ओर से रैगिंग को लेकर पुलिस में भी रिपोर्ट दर्ज कराई है। इसमें देवेन्द्र मीणा, सीरजीत दाबरिया, रवीन्द्र फूलेरिया, सिद्धार्थ परिहार, अंकित यादव, विश्वेन्द्र घायल, अमर घालेल सहित अन्य स्टूडेण्ट्स के खिलाफ रैगिंग करने का मामला दर्ज कर पुलिस ने जांच शुरू कर दी हैं। प्राचार्य ने कहा… मेडिकल कॉलेज में रैगिंग का मामला सामने आने के बाद एंटी रैगिंग कमेटी का गठन किया है। इसमें एडीएम, पुलिस उपाधीक्षक, कॉलेज के प्रोफेसर एवं पीआरओ आदि को शामिल किया है। सभी पक्षों के बयान लिए जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि रैगिंग में कई विद्यार्थी शामिल थे। लेकिन, छह-सात विद्यार्थी जिनके नाम सामने आ रहे हैं वह घटना के दिन डूंगरपुर में नहीं होना बता रहे हैं। कॉलेज ने पुलिस में भी रिपोर्ट दे दी है। – डा. बालामुरुगनवेलू, प्राचार्य एवं अधीक्षक, मेडिकल कॉलेज, डूंगरपु