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खिचड़ी का महाप्रसाद लेने उमड़े श्रद्धालु

छह क्विंटल से अधिक की बनाई गई खिचड़ीमहानाम संकीर्तन के समापन पर हुआ खिचड़ी के प्रसाद का वितरण

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पन्ना. नगर के कुंजवन स्थित शीतला माता मंदिर परिसर में चल रहे ४८ घंटों के अखंड महानाम संकीर्तन के समापन पर शनिवार की शाम को खिचड़ी के महाप्रसाद का वितरण किया गया। शाम को शीतला माता की महाआरती के बाद प्रसाद वितरण का क्रम शुरू हुआ जो देर रात तक चलता रहा। हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं को खिचड़ी का प्रसाद वितरित किया गया। प्रसाद लेने के लिए इतनी अधिक संख्या में लोग पहुंच गए थे कि रात को पूरे मार्ग में जाम के हालात रहे।


मंदिर परिसर में आयोजित महानाम संकीर्तन का समापन शनिवार की सुबह करीब ४ बजे हुआ। संकीर्तन के समापन के बाद दिनभर खिचड़ी के प्रसाद को बनाने की तैयारी चली। शाम को मातारानी की आरती के बाद प्रसाद वितरण हुआ। इस दौरान पहले से ही सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु प्रसाद लेने के लिए लाइन लगा चुके थे। वितरण शुरू होने तक सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु पहुंच चुके थे।


कुंजवन स्थित शीतला माता मंदिर में बंग्ला नव वर्ष (१५ अप्रेल) के पहले मंगलवार पर १८ अप्रेल को शीतला माता की पूजा-अर्चना की गई और इसके दूसरे दिन १९ अप्रेल की रात को ४८ घंटे के महानाम संकीर्तन के लिए कलश की स्थापना हुई थी। २० अप्रेल की सुबह ४ बजे से महानाम संकीर्तन शुरू हुआ जो दूसरे दिन शुक्रवार को भी पूरा दिन चलता रहा। यह पूरा रात भी चला। समापन २२ अप्रेल की सुबह ४ बजे हो गया।


बांटा गया छह क्विंटल से अधिक खिचड़ी का प्रसाद
खिचड़ी का प्रसाद बनाने में छह क्विंटल से भी अधिक सामग्रीका उपयोग किया गया। खिचड़ी का प्रसाद बांटने के लिए तीन क्विंटल से भी अधिक का तो चावल उपयोग किया गया। इसके अलावा करीब १५० किलो दाल और करीब इतनी ही सब्जी का उपयोग हुआ। इसके अलावा ५० लीटर तेल व देसी घी, ८ से १० हजार रुपए कीमत के मसाले लगे । इस प्रकार से छह क्विंटल से अधिक के खिचड़ी का प्रसाद बनाया गया।
रक्सेहा में हुई कलश स्थापना, ४८ घंटे का संकीर्तन आज से
माजूमदर रिसर्च सेंटर के अध्यक्ष प्रदीप माजूमदार ने बताया, बंगाली ग्राम रक्सेहा में यह संकीर्तन २२ अप्रेल हो गया। २२ की शाम को पूजा-अर्चना के बाद संकीर्तन के लिए कलश स्थापना हुई। २३ की सुबह से संकीर्तन शुरू होगी तो २४ तक चलेगी। २५ की ासुबह संकीर्तन का समापन होगा। इसी दिन शाम को महाप्रसादी का वितरण किया जाएगा। जिला मुख्यायलय से लगे ग्राम गहरा, कुंजवन, रक्सेहा, जरुआपुर, उडक़ी, जमुनहाई, बाबूपुर, हरदुआ कैंप, हाटूपुर व दमचुआ गांव में बंगाली समाज के लोगों की बड़ी संख्या है।