सीएम सिद्धरामय्या ने दी चुनौती
हुब्बल्ली. मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या ने चुनौती देते हुए कहा कि कर के मामले में राज्य के साथ अन्याय हो रहा है। इस अन्याय की भरपाई के लिए राज्य को 11,495 करोड़ रुपए का विशेष अनुदान देने की 15वें वित्त आयोग ने सिफारिश की है इसके बाद भी केंद्र सरकार ने इसे नहीं दिया है। केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी को क्या इस बारे में पूछना नहीं चाहिए? केंद्र सरकार ने अनुदान दिया है तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा, यदि नहीं दिया है तो क्या जोशी राजनीति छोड़ देंगे या इस्तीफा दे देंगे।
शहर के हवाई अड्डे पर सोमवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए सीएम सिद्धरामय्या ने कहा कि कर के हिस्सेदारी में कर्नाटक के साथ अन्याय हुआ है कहकर 15वें वित्त आयोग ने कुछ सिफारिशें की थीं। इसमें कहा गया था कि विशेष अनुदान के तौर पर 5,495 करोड़ रुपए देने चाहिए, पेरिफेरल रिंग रोड के लिए 3 हजार करोड़ रुपए और झील विकास के लिए 3 हजार करोड़ रुपए समेत कुल 11,495 करोड़ रुपए देने चाहिए। यह पैसा अब तक राज्य में नहीं आया है।
उन्होंने कहा कि इस अन्याय के बारे में भाजपा की ओर से किसी ने भी नहीं बोला है। केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी, सांसद जगदीश शेट्टर, बसवराज बोम्मई ने क्या कभी कुछ बोला है, कर्नाटक के साथ अन्याय हो रहा है कहते हैं तो यह राजनीति कैसे होगी, यह कोई राजनीतिक संघर्ष नहीं है। न्याय के लिए लड़ाई है। हम केंद्र सरकार को 4.50 लाख करोड़ रुपए से अधिक का कर (टैक्स) दे रहे हैं। वापस आ रहा है केवल 55 हजार करोड़ से 60 हजार करोड़ रुपए। क्या यह अन्याय नहीं है।
भाजपा गरीब विरोधी
सिद्धरामय्या ने कहा कि हम गारंटी योजनाओं के माध्यम से सभी जाति और धर्म के गरीबों को आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त बना रहे हैं। हमारी मंशा है कि वे भी मुख्यधारा में आए परन्तु भाजपा ऐसा नहीं चाहती। वे चाहते हैं कि लोग गरीब रहें, असमानता हो। इसके लिए वे गारंटी योजनाओं का विरोध करते हैं। वे गरीब विरोधी हैं।
उन्होंने कहा कि भाजपा ने 600 वादे किए थे। इनमें से कितने पूरे किए हैं। 10 फीसदी भी पूरे नहीं किए हैं। हमने 164 वादे किए थे। हमने उनमें से 158 को पूरा किया है। हम हिसाब देंगे। क्या वे भी देंगे? वे राजनीति के लिए कुछ भी करते हैं। वक्फ संपत्ति के मामले में किसानों को बेदखल नहीं करने की बात कहने के बाद भी भाजपा विरोध क्यों कर रही है। राजनीति के लिए विरोध कर रही है। बीएस येडियूरप्पा, सदानंद गौड़ा, जगदीश शेट्टर की सरकार में 216 वक्फ मामलों में नोटिस क्यों दिए गए थे?