8 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

राजनीति

इस्तीफा देकर जांच का सामना करें सिद्धरामय्या

विधानसभा में विपक्ष के उप नेता अरविंद बेल्लद ने कहा कि मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या को समाजवाद के बारे में बात करने से पहले इस्तीफा देना चाहिए और जांच का सामना करना चाहिए।

Google source verification

विधानसभा में विपक्ष के उपनेता अरविंद बेल्लद ने की मांग

हुब्बल्ली. विधानसभा में विपक्ष के उप नेता अरविंद बेल्लद ने कहा कि मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या को समाजवाद के बारे में बात करने से पहले इस्तीफा देना चाहिए और जांच का सामना करना चाहिए।
शहर में पत्रकारों से बातचीत करते हुए बेल्लद ने कहा कि मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या समाजवाद की बात करते हैं। हमारे लिए समाजवाद में जॉर्ज फर्नांडीज हैं, जिन्होंने इससे पहले जब उन पर ताबूत घोटाले का आरोप लगा था तो उन्होंने इस्तीफा दिया था।

एक डायरी में केवल एलके लिखा था, फिर उनकी जांच हुई और आरोप झूठा निकला। बाद में वे मंत्री बन गए। इसके चलते मुख्यमंत्री को इनके मार्ग पर चलना चाहिए और अभी इस्तीफा देना चाहिए। दोबारा उन्हें सीएम बनना चाहिए।

इस दौरान चुनावी बांड मामले में निर्मला सीतारमण और विजयेंद्र के खिलाफ एफआर दाखिल करने को लेकर बेंगलूरु के जनप्रतिनिधि न्यायालय की ओर से आदेश देने के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए बेल्लद ने कहा कि वास्तव में चुनाव बांड का मामला घटाला ही नहीं है, यह कानूनी मामला है। सच कहें तो चुनावी बांड से सबसे ज्यादा फायदा विपक्ष को हुआ है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने 28 करोड़, जन सेना ने 21 करोड़, समाजवादी ने 13 करोड़, जेएमएम ने 12 करोड़, एमजीपी ने 12 करोड़ रुपए लिए हैं। दान लेने में कोई बुराई नहीं है। इस मामले में बेबुनियाद आरोप लगाना बंद करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि उन्हें इस्तीफा देकर जांच का सामना करना चाहिए। सिद्धरामय्या के इस्तीफा देने से सरकार को कोई समस्या नहीं होगी। 136 विधायक होने पर सरकार को कुछ नहीं होगा। सीएम के इस्तीफा देने तक हमारा संघर्ष जारी रहेगा।

मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। अब उन्हें याद रखना चाहिए कि उन्होंने 2011 में क्या कहा था? उन्होंने विपक्षी दल के नेता के तौर पर क्या कहा था? येडियूरप्पा के खिलाफ मामला आने पर कहा था कि राष्ट्रपति के प्रतिनिधि राज्यपाल हैं। अगर राज्यपाल ने कोई सलाह दी है तो सरकार और सीएम को उसका पालन करना चाहिए, इसे याद करना चाहिए।

राज्यपाल ने मुडा घोटाले की जांच का निर्देश दिया है परन्तु सिद्धरामय्या ने इसके खिलाफ उच्च न्यायालय गए। उच्च न्यायालय ने राज्यपाल की कार्रवाई को सही ठहराते हुए फैसला सुनाया। इसके बाद वे जनप्रतिनिधि न्यायालय में गए। अदालत ने सीएम सिद्धरामय्या के खिलाफ मामला दर्ज करने का आदेश दिया। अब एफआईआर में नंबर 1 आरोपी हैं। सीएम सिद्धरामय्या की पत्नी दूसरी आरोपी है और उनका साला तीसरा आरोपी है। और क्या होना चाहिए। सिद्धरामय्या को तुरन्त जागना चाहिए और तुरंत इस्तीफा देना चाहिए।