प्रतापगढ़. जिला चिकित्सालय में कोरोना काल में प्रमुख रूप से ऑक्सीजन की कमी रही। इससे काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। चिकित्सा विभाग का इस कमी को पूरा करने पर जोर है। इसके लिए चिकित्सालय में एलएमओ(लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन) यूनिट स्थापित की गई है। इसमें 10 किलो लीटर की क्षमता है। यह यूनिट बनकर पूरी तरह से तैयार है। एकाध दिन में यह पाइप लाइन से जोड़ दिया जाएगा। जिससे काफी सुविधा रहेगी।
अस्पताल तैयार
प्रतापगढ़. हाल ही में देश में कोविड के नए वैरिएंट के रोगी मिलने के साथ ही केन्द्र सरकार की ओर से गाइड लाइन जारी की गई है। ऐसे में प्रतापगढ़ जिले में भी कोविड से बचाव और उसके उपचार के लिए जिले के सबसे बड़े अस्पताल जिला चिकित्सालय में सभी आवश्यक तैयारियां की गई है। यहां रोजाना कोविड सैम्पङ्क्षलग भी बढ़ा दी गई है। यहां पर रोजाना करीब सौ सैंपङ्क्षलग की जा रही है। इसके तहत यहां पर आइसोलेशन वार्ड, ऑक्सीजन प्वाइंट वाले बैड का वार्ड भी तैयार है। इसके लिए ऑक्सीजन प्लांट पर जनरेशन की व्यवस्था के साथ पूरी तरह से तैयार है। जिला चिकित्सालय में आने वाले सभी संदिग्ध मरीजों की स्क्रिङ्क्षनग की जा रही है। इसके साथ ही सैम्पङ्क्षलग बढ़ा दी गई है। यहां भर्ती के लिए १८ बेड का आईसीयू वार्ड भी अलग से तैयार किया गया है। वहीं कोविड के मरीजों के लिए दी जाने वाली पर्याप्त दवाएं की उपलब्धता की गई है।
चार प्लांटों से दो हजार एलएमपी की सप्लाई
यहां परिसर में ऑक्सीजन उत्पादन के लिए दो हजार एलएमपी क्षमता के चार प्लांट लगे हुए है। जहां ऑक्सीजन जिला चिकित्सालय में आपूर्ति की जा सकती है। सभी प्लांटों की मॉक ड्रिल भी की जा चुकी है।
तीन सौ बेड पर ऑक्सीजन
इस बार कोविड काल में प्रमुख रूप से ऑक्सीजन की कोई समस्या नहीं हो, इसके लिए चार ऑक्सीजन प्लांट तैयार है। इनके कनेक्शन वार्ड में बेड पर दिए गए है। इसके लिए प्रमुख वार्ड में दो सौ बेड पर ऑक्सीजन सप्लाई दी गई है। इसके अलावा मातृ एवं शिशु चिकित्सा इकाई में सौ बेड पर ऑक्सीजन की लाइन बिछाई गई है। जिनकी मॉक ड्रिल भी की गई। इसके साथ ही करीब डेढ़ सौ ऑक्सीजन कन्स्टे्रटर यहां उपलब्ध है।