रायगढ़. जिला अस्पताल के जर्जर भवन के चलते विगत एक साल से एक ही वार्ड में मेल-फीमेल मरीजों को भर्ती कर उपचार किया जा रहा था, लेकिन अब स्वास्थ्य सचिव के दौरा की सूचना मिलने के बाद इन मरीजों को पुराने गायनिक वार्ड में अलग-अलग शिफ्ट किया गया है।
उल्लेखनीय है कि जिला अस्पताल के भवन को एक साल पहले ही पीडब्ल्यूडी द्वारा जर्जर घोषित कर दिया गया है। जिसके बाद से मेडिकल कालेज अस्पताल तो अपने नए भवन में शिफ्ट हो गया, लेकिन जिला अस्पताल भवन का अभी तक जिर्णोद्धार नहीं हो सका। ऐसे में मेडिकल कालेज अस्पताल अलग होने के बाद जिला अस्पताल के मेल वार्ड में ही महिला व पुरुष मरीजों को भर्ती कर उपचार किया जा रहा था। जिससे मरीज भी खुद को असहज महशुस कर रहे थे, लेकिन यह वार्ड भी जर्जर होने के कारण इस बरसात में सिपेज पानी सीपेज होने के कारण प्लास्टर गिरने लगा था। जिससे वहां काम कर रहे कर्मचारियों को भी घायल होने का भय सताने लगा था। ऐसे में अब अस्पताल प्रबंधन द्वारा दिनों-दिन बढ़ रहे मरीजों की संख्या को देखते हुए बुधवार को पुराने गायनिक वार्ड को फिमेल वार्ड व गायनिक वार्ड बी को मेल वार्ड बनाया गया है। जिसमें सभी मरीजों को यहां भर्ती कर उपचार शुरू किया गया है। जिससे कर्मचारियों के साथ मरीजों को भी राहत मिली है।
हो सकता है स्वास्थ्य सचिव का दौरा
इस संबंध में अस्पताली सूत्रों की मानें तो एक-दो दिनों में स्वास्थ्य सचिव का दौरा होने वाला है, जिसको ध्यान में रखते हुए अस्पताल को व्यवस्थित किया जा रहा है। हालांकि भवन जर्जर होने के कारण कुछ खास व्यवस्थित नहीं हो पा रहा है, ऐसे में उम्मीद है कि इस दौरे के बाद अस्पताल की दशा में सुधार हो सकता है। जिससे यहां उपचार कराने आने वाले मरीजों को भी राहत मिलेगी।
बढ़ गई बेडों की संख्या
गायनिक वार्ड में मेल-फिमेल को शिफ्ट करने के बाद अब बेडों की भी संख्या बढ़ गई है। ऐसे में पहले बेड की कमी के चलते गंभीर मरीजों को मेडिकल कालेज अस्पताल रेफर करना पड़ता था, ऐसे में अब अस्पताल आने वाले मरीजों को यहां भर्ती कर उपचार किया जाएगा। जिससे मरीज व परिजन दोनों को राहत मिलेगी।
वर्जन
भवन जर्जर होने के कारण समस्या आ रही है। हालांकि मरीजों की बढ़ रही संख्या को देखते हुए पुराने गायनिक वार्ड में मेल-फिमेल वार्ड को शिफ्ट किया गया है। ताकि मरीजों को दिक्कत न हो।
डॉ. आरएन मंडावी, सीविल सर्जन, केजीएच