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रायगढ़

मेज थपथपा कर जिन प्रस्तावों को दी थी स्वीकृति वे फाइलों नहीं निकले बाहर

सियान सदन और कामकाजी महिलाओं के लिए नहीं बन सका हास्टलबजट में दी गई स्वीकृति, लेकिन नहीं मिल रही जमीन

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रायगढ़. नगर निगम में एक बार फिर बजट की तैयारी शुरू हो गई है, लेकिन पिछले कई वर्षों से बजट में शहर विकास के लिए जिन प्रस्तावों को मेजे थपथपा कर स्वीकृति दी जाती रही है वह प्रस्ताव अब तक पूरे नहीं हो सके। यह प्रस्ताव महज बजट सत्र तक ही सीमित रहते हैं। इसके बाद इसे मूर्तरूप देने के लिए न तो अधिकारी गंभीर होते हैं और ना ही जनप्रतिनिधि किसी प्रकार से पहल करते हैं। महज किसी प्रकार का बहाना बनाते हुए प्रस्ताव को लटकाया ही जाता है।
नगर निगम में हर साल करोड़ों का बजट प्रस्तुत किया जाता है। इस बजट में विकास कार्यों की स्वीकृति तो दी जाती है, लेकिन इसमें दिए गए प्रस्ताव को पूरा नहीं किया जाता। पिछले बजट में नगर निगम प्रशासन ने कामकाजी महिलाओं के हास्टल बनाने के लिए एक करोड़ की राशि स्वीकृति दी गई थी, लेकिन राशि स्वीकृत होने के बाद इसके प्रस्ताव की भी जानकारी निगम के अधिकारियों को नहीं है। खास बात यह है कि रायगढ़ जिला औद्योगिक नगरी है। यहां जिले के ग्रामीण क्षेत्रों से कामकाजी महिलाएं आती है और इसके अलावा जिले के बाहर से भी आती है। माना जा रहा है यदि नगर निगम के द्वारा उक्त कामकाजी महिला हास्टल बन जाता है तो इन महिलाओं को इसका लाभ मिलेगा, लेकिन पिछले कई वर्षांे से आने वाला यह प्रस्ताव मूर्तरूप नहीं ले रहा है। इसके अलावा वृद्ध जनों के लिए सियान सदन बनाए जाने के प्रस्ताव को भी बजट सत्र में स्वीकृति दी गई थी। यह प्रस्ताव भी अब तक मूर्तरूप नहीं ले सका है। कुछ वर्ष पूर्व बजट में शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए विभिन्न योजनाओं की स्वीकृति दी गई थी। इसमें ज्ञान स्थली योजना के तहत १ करोड़, सार्वजनिक वाचनालय योजना के तहत १ करोड़ व सर्व शिक्षा अभियान के तहत ३० लाख व राजीव गांधी शिक्षा मिशन योजना के तहत २० लाख रुपए बजट में स्वीकृत किया गया था, लेकिन नगर निगम प्रशासन ने शहर के किसी भी स्थान पर ज्ञान स्थली योजना को मूर्तरूप नहीं दिया। यही हाल सार्वजनिक वाचनालय की भी है।
जमीन नहीं मिलने का हवाला
कुछ साल पहले सियान सदन का प्रस्ताव बजट सत्र में लाया गया था। इस समय जनप्रतिनिधियों ने मेज थपथपाते हुए इसकी स्वीकृति दी थी, लेकिन बजट सत्र समाप्त होने के बाद इसे भुला दिया गया। बताया जा रहा है कि सियान सदन के लिए जमीन नहीं मिल रही है। इसकी वजह से यह प्रस्ताव लटका हुआ है।
कामकाजी हास्टल को एनजीओ के भरोसे छोड़ा
नगर निगम के द्वारा कामकाजी महिलाओं के लिए हास्टल निर्माण किया जाना था। इसमें यह तर्क दिया गया था कि यह जिला बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ जिला है। ऐसे में महिलाओं के लिए कामकाजी हास्टल एक मिशाल होगा, लेकिन अब इसे एनजीओ के भरोसे छोड़ दिया गया है। यह कहा जा रहा है कि एनजीओ के माध्यम से इसका निर्माण और संचालन करवाया जाएगा। इसकी वजह से यह प्रस्ताव भी लटका हुआ है।
वर्सन
सियान सदन के लिए जमीन की तलाश की जा रही है। जमीन नहीं मिलने की स्थिति में प्रस्ताव को मूर्तरूप लेने में देरी हो रही है। महिला हास्टल का प्रपोजल एनजीओ के माध्यम से पूरा कराया जाना है। यह प्रक्रिया में है।
जानकी काटजू, महापौर
वर्सन
नगर निगम के बजट में रखे गए प्रस्ताव महज छलावा है। कई बार से प्रस्ताव लाया जाता है, लेकिन इसे अमलीजामा नहीं पहनाया जाता।
पूनम सोलंकी, नेता प्रतिपक्ष, नगर निगम