रायसेन. सांची, एक बार फिरउसी तरह पूरी दुनिया का पथ प्रदर्शन करेगी जैसे भगवान बुद्ध ने किया था। सांची पूरी दुनिया को दिशा दिखाएगी। अक्षय ऊर्जा के उपयोग से पर्यावरण की सुरक्षा के साथ ऊर्जा संरक्षण की मिसाल बनेगी। यह बात मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को देश की पहली सोलर सिटी का लोकार्पण करते हुए कही। उन्होंने कहा कि थर्मल पॉवर से पर्यावरण को नुकसान होता है। ऊर्जा के ऐसे सभी स्रोत एक दिन खत्म होंगे। ऐसे में सौर ऊर्जा उपयोगी साबित होगी। सांची के लोगों को इसके लिए बधाई।
इससे पहले स्तूप पहाड़ी से नागोरी के सोलर प्लांट को देखने के बाद मुख्यमंत्री ने रिमोट का बटन दबाकर सोलर सिटी का लोकार्पण किया। फिर आमखेड़ा के खेल स्टेडियम पहुंचे जहां सभा का आयोजन किया गया। जिसमें बड़ी संख्या में मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सांची के लिए यह अत्यंत गौरव का विषय है। जो देश का पहली सोलर सिटी घोषित हो रहा है। अब सांची के लिए जरूरी बिजली की पूर्ति सूर्य से बनाकर पूरी की जाएगी। उन्होंने कहा कि हम जो कोयले से बिजली बनाते हैं। उसके कारण पर्यावरण बिगड़ता है। कोयला, पेट्रोल के अंधाधुंध इस्तेमाल के कारण प्रकृति पर बड़ा गहरा दुष्प्रभाव पड़ा है। संपूर्ण जगत का और हमारा भी कल्याण इसी में है कि हम कोयला और बाकी परंपरागत साधनों को छोडकऱ सूरज से बिजली बनाना शुरू करें। सांची को इसलिए बधाई देना चाहता हूं कि आपने 3 मेगावाट का पहला पावर प्लांट नागौरी पहाड़ी पर लगाया और 5 मेगा वाट का सौर ऊर्जा प्लांट गुलगांव में लग रहा है। सांची के सात हजार नगरवासियों को इसके लिए भी बधाई कि ऊर्जा बचत और संरक्षण के विषय में जागरूक हुए हैं। सोलर की अवधारणा के अनुरूप सांची के हर घर में सोलर स्टडी लैंप, सोलर लालटेन और सोलर लैंप का इस्तेमाल हो रहा है। शहर के अलग-अलग कार्यालय और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों का भी एनर्जी ऑडिट करवाया गया है। विभिन्न शासकीय भवन जैसे रेलवे स्टेशन, होटल गेटवे, सीएम राइज स्कूल, कन्या छात्रावास, कन्या हायर सेकंडरी स्कूल, पोस्ट ऑफिस पर सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना की गई है।
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