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MP ELECTION; मप्र की अति पिछड़ी जनजाति में शामिल होगा बैगा समुदाय, जंगल के रहवासियों को मिलेंगे यह अ​धिकार

मुख्यमंत्री की घोषणा: सिंगरौली में चरणपादुका योजना का शुभारंभ, संत रविदास समरसता यात्रा को दिखाई हरीझंडी

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सिंगरौली. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश से विलुप्त होती बैगा जनजाति को अति पिछड़ी जनजाति का दर्जा व जंगल के रहवासियों को वन अधिकार देने की घोषणा की है। सिंगरौली के सरई में आयोजित चरण पादुका वितरण व महिला सम्मेलन को संबो धित करते हुए सीएम शिवराज ने कहा, जंगल से होने वाली आय का 20 फीसदी हिस्सा वनवासियों के विकास में खर्च किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने बताया, अब तक कुछ विशेष जिलों में बैगा जनजाति अति पिछड़ी जनजाति में शामिल थी। अब पूरे प्रदेश के बैगा, सहरिया व भारिया समुदाय को पिछड़ी जनजाति का दर्जा देकर जनकल्याण की विशेष योजनाओं से लाभा न्वित किया जाएगा। जल्द ही इस संबंध में आदेश जारी करने की बात कही।

बजट 2600 से बढ़ाकर 26 हजार करने की घोषणा

वन मंत्री विजय शाह ने कहा, आदिवासी हित में यह निर्णय लेने वाला मप्र देश का पहला राज्य है।
सरई से पहले मुख्यमंत्री ने वैढ़न के रामलीला मैदान में संत रविदास समरसता यात्रा को हरी झंडी दिखाई। इस दौरान उन्होंने संतों का सम्मान किया। यहां मुख्यमंत्री ने अनुसूचित जाति व जनजाति के उत्थान के लिए निर्धारित बजट 2600 से बढ़ाकर 26 हजार करने की घोषणा की। वन मंत्री सहित सांसद व विधायक सहित अन्य जनप्रतिनिधि व अधिकारी उपस्थित रहे।

गरीबों को भगवान बताया

मुख्यमंत्री ने जनसंवाद के दौरान गरीबों को भगवान बताया। कहा, गरीबों से बढ़कर उनके लिए कोई नहीं है। उनके उत्थान के लिए हर संभव कार्य करूंगा। सीएम कार्यक्रम में मौजूद जनसमूह से दोनों हाथ उठवाकर सहयोग का संकल्प दिलाया। कहा, तेंदूपत्ता सहित अन्य वन उपज का संग्रहण करने वाले परिवारों व महिलाओं को और सशक्त बनाएंगे। मुख्यमंत्री ने लाड़ली बहना योजना की राशि एक हजार से बढ़ाकर तीन हजार करने व अन्य माध्यमों से उनकी न्यूनतम आय 10 हजार रुपए प्रति माह करने का आश्वासन दिया। कहा, लाड़ली बहना महिलाओं के सम्मान की योजना है।

चरणपादुका योजना से 15 लाख परिवार होंगे लाभान्वित
– 15 लाख परिवारों के 36 लाख सदस्य लघु वनोपज संग्रहण में लगे हैं, इन सभी को लाभ मिलेगा।
– 261 करोड़ की राशि व्यय कर 30 लाख 40 हजार जोड़ी जूता-चप्पल, 15 लाख 20 हजार पानी की बॉटल, 20 लाख 48 हजार साड़ी का वितरण किया जाएगा।