80 साल के वरिष्ठ भाजपा नेता व विधायक नागेन्द्र सिंह ने चुनाव से पहले जन सभाओं में अपने आप को बूढा बताते हुए चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया था। उनका कहना था की अब मैं बूढ़ा हो चुका हूं, इसलिए पार्टी किसी नए चेहरे को टिकट दे। वह चुनाव लड़ने को लेकर जनता के बीच न-न करते रहे। इससे यह उम्मीद की जा रही थी की नागौद से इस बार भाजपा किसी नए चेहरों को टिकट दे सकती है।
लेकिन एक माह के मंथन के बाद केन्द्रीय नेतृत्व को नगौद में नागेन्द्र सिंह के मुकाबले कोई दूसरा जिताऊ चेहरा नहीं मिला। अंत में पार्टी नागेन्द्र सिंह पर ही दाव लगा दिया। नागौद से पांच बार विधायक रह चुके नागेन्द्र सिंह छटवीं बार भाजपा की टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ेगे।
कार्यकर्ता धरने पर बैठे
भाजपा ने बुजुर्ग विधायक नागेन्द्र सिंह को टिकट दिया तो नागौद के पार्टी कार्यकर्ता भड़क गए। टिकट न मिलने से नाराज पूर्व जिपं अध्यक्ष गगनेन्द्र प्रताप सिंह ने पार्टी के खिलाफ बगावत का बिगुल ***** दिया है। शनिवार की शाम उनके समर्थक कार्यकर्ताओं ने उनके साथ बैठक की। इसके बाद देर शाम भाजपा कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ गए। गगनेन्द्र समर्थकों ने कहा की जो स्वयं बूढे होने की बात कहते हुए चुनाव लड़ने से मना कर दिया था। पार्टी ने पांच साल क्षेत्र में मेहनत करने वाले को दरकिनार कर निक्रिय विधायक को टिकट दे दी। यह क्षेत्र के पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ अन्याय और धोखा है।