बस्सी / कानोता/तूंगा. जयपुर जिले के बस्सी उपखण्ड की अरावली पर्वतमाला में हो रहे खनन कार्यों ने अब ग्रामीणों के लिए खतरे की घंटी बजा दी है। कानोता, तूंगा और राजाधौक क्षेत्रों की पहाड़ियों में 12 से अधिक स्थानों पर सैकड़ों खानों में धड़ल्ले से खनन हो रहा है।
इन खानों में पत्थर निकालने के लिए दिन में कई बार ब्लास्टिंग (विस्फोट) की जाती है, जिससे न केवल खेतों में काम कर रहे किसान डर के साए में हैं, बल्कि उनके मकानों और फसलों को भी नुकसान पहुंच रहा है। वहीं ग्रामीणों की जान पर भी खतरा मंडरा रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि खनन से उन्हें कोई विरोध नहीं है, लेकिन ब्लास्टिंग से उनके जीवन और आजीविका पर खतरा मंडरा रहा है। प्रशासन से बार-बार शिकायत करने के बावजूद स्थिति जस की तस बनी हुई है।
इन गांवों में हो रहा खनन
कानोता के पास हरड़ी, घाटा, हरध्यानपुरा, कूंथाड़ा, गीला की नांगल, दयारामपुरा, बिहारीपुरा, बैनाड़ा।
बस्सी का राजाधौक तूंगा का किशनपुरा, हाथीपुरा, मंदरूपुरा, पृथ्वीपुरा, लालगढ़ गांवों में खनन हो रहा है।
खेतों तक पहुंच रहे पत्थर, महिलाएं सहमीं
तूंगा क्षेत्र के पृथ्वीपुरा गांव में हाल ही में ब्लास्टिंग के दौरान खेत में काम कर रही महिलाओं के पास पत्थर आ गिरे। घबराई महिलाओं ने विरोध किया तो खान मालिक ने पुलिस बुला ली। ग्रामीण महिलाओं का कहना है कि खनन करो, लेकिन ब्लास्टिंग मत करो। खेतों में हमेशा लोग काम करते हैं, अगर कोई हादसा हो गया तो कौन जिमेदार होगा।
इनका कहना है…
पृथ्वीपुरा व हाथीपुरा में खानें वैध है, वहां ब्लास्टिंग होता है तो उसकी अनुमति भी खान मालिकों के पास होगी। ब्लास्टिंग का डिपार्टमेंट अजमेर में हैं, वहां से अनुमति ले रखी होगी। जहां पर अवैध खनन होता है, वहां पर विभाग कार्रवाई करता है। -जैद अली खान, फोरमैन, खनिज विभाग