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एक्स्ट्रा बॉडी के अवैध वाहनों को आरटीओ से मिल रहा आजीवन पास

विभाग की मिलीभगत से अधिकृत बॉडी मेकर को मिल रही छूट, नहीं हो रही कार्रवाई चालान में आरसी रद्द व बॉडी मेकर का ट्रेड निलंबन करने की अनुशंषा का भी कोई असर नहीं

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रविन्द्र सिंह राठौड़
rajasthanpatrika.com
परिवहन विभाग की मिलीभगत से अधिकृत बॉडी मेकर धड़ले से वाहनों की गलत एक्स्ट्रा बॉडी तैयार कर रहे हैं। बानगी तो यह है कि विभाग के डीटीओ व इंस्पेक्टर इन वाहनों को 15 साल के लिए आजीवन पास कर रहे हैं। नियम के अनुसार वाहनों के पहियों के बीच की दूरी तथा पहियों की संख्या के आधार पर वजन की सीमा तय होती है। राजस्थान में पिछले 6 महीने से विभाग के इंस्पेक्टर लगातार एक्स्ट्रा बॉडी के वाहनों का चालान कर बॉडी मेकर के ट्रेड निलंबन, आरसी निरस्त और चालान की राशि भी मेकर से वसूलने की अनुशंषा कर रहे हैं। लेकिन राजस्थान में एक भी बॉडी मेकर का ट्रेड निलंबित नही हुआ। ना ही आरसी रद्द हुई, इतना ही नही बॉडी मेकर पर किया गया चालान भी बेवजह वाहन मालिकों से वसूला जा रहा हैं।

बॉडी मेकर को नोटिस देकर भुला विभाग
बॉडी मेकरों पर सख्त कार्रवाई के बिना इन पर अकूंश लगाना आसान नहीं है। राजस्थान में 10 प्रतिशत कॉमर्शियल वाहनों की बॉडी हनुमानगढ़, गंगानगर और बीकानेर से तैयार होती हैं। वहीं सीमेंट फेक्ट्रियों में राख आदि ले जाने वाले एक्स्ट्रा बॉडी के सीमेंट बल्कर अजमेर, उदयपुर व सिरोही में सबसे ज्यादा पास हुए हैं। नीमकाथाना उप निरीक्षक ने 16 नवंबर को कोटड़ी में एक्स्ट्रा बॉडी वाले ट्रेलर का चालान किया। परिवहन विभाग ने बॉडी मेकर पर किए गए चालान की राशि वाहन मालिक से वसूल ली। पत्रिका की खबर के बाद दबाव पड़ा तो बॉडी मेकर के खिलाफ नोटिस जारी कर दिया गया। एक्स्ट्रा बॉडी तैयार करने वाले बॉडी मेकरों पर एक लाख 10 हजार रुपए का चालान होता है। लेकिन चालान की राशि आज दिन तक बॉडी मेकर से नहीं वसूली गई।

49 टन के स्थान पर 55 टन पास
केस-1: पाटन में 21 दिसंबर को आरजे 01 जीए 9510 नंबर के सीमेंट बल्कर का चालान कर पाटन थाने में सीज किया गया। चालान में आरसी रद्द करने की अनुशंषा की गई। अंशु फेबरिकेशन अहमदाबाद से वाहन की एक्स्ट्रा बॉडी तैयार हुई। जांच के दौरान सीमेंट बल्कर में 36.6 टन राख भरी हुई मिली। सीमेंट बल्कर के पीछे डबल एक्सल लगा हुआ है। जिसके बीच की दूरी 1.8 मीटर से कम है। आगे सिंगल एक्सल लगा है। नियम के तहत गाड़ी 49 टन पासिंग है। लेकिन इसे गलत तरीके से 55 टन पास करवाई गई है। जो कि एमवीए 52, 182 ए, सीएमवीआर 125 डी और एटीएस 113 का उल्लघंन है।

46.5 टन की जगह 55 टन पास
केस- 2: नीमकाथाना में 26 दिसंबर को आरजे 57 जीए 0159 नंबर के सीमेंट बल्कर का चालान कर गलत बॉडी पास करवाने पर आरसी व फिटनेस निरस्त करने की अनुशंषा की गई। वशंत फेबरिकेशन गुजरात से वाहन की बॉडी तैयार हुई है। जांच के दौरान सीमेंट बल्कर में राख भरी हुई मिली। बल्कर के पीछे तीन एक्सल व घोड़े के पीछे सिंगल एक्सल लगा हुआ है। बल्कर के पीछे तीन एक्सलों के बीच की दूरी तीन मीटर से कम है। ऐसे में बल्कर 46.5 टन पास होना चाहिए। लेकिन बल्कर को गलत तरीके से 55 टन पास करवा रखा है। जो कि एमवीए 52, 182 ए, सीएमवीआर 125 डी और एटीएस 113 का उल्लघंन है।

नियम से दो टन अधिक पास
केस-3: कोटड़ी से खंडेला जाते समय नीमकाथाना में आरजे 07 जीडी 9518 नंबर के ट्रेलर का चालान कर फिटनेस निरस्त करने की अनुशंषा की गई। जांच में खाली गाड़ी का वजन 18 टन है, जो कि नियम के तहत 2 टन अधिक है। वाहन की लंबाई 34 फीट, ऊंचाई 8.8 फीट और चौड़ाई 8.5 फीट है। वाहन की बॉडी ट्रेक एंड ट्रेलर्स मैकर्स जयपुर से तैयार की गई है। बॉडी मेकर पर भी अग्रिम कार्रवाई की अनुशंषा की गई। साथ ही चालक को भी गाड़ी की एक्स्ट्रा बॉडी कटवाकर दोबारा फिटनेस कर संचालन करने के लिए पाबंध किया गया है। इसी तरह आठ से दस सीमेंट बल्कर के चालान बने हैं। जिनमें आज दिन तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।

इनका कहना है
बीकानेर डीटीओ को फिर से आरजे 07 जीई 0144 नंबर के टिपर ट्रेलर के मामले में बॉडी मेकर के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए लिखा जाएगा। साथ ही इन दिनों नीमकाथाना उप निरीक्षक की ओर से किए गए चालान के आधार पर ठोस कार्रवाई की जाएगी। जिसमें बॉडी मेकर के ट्रेड एवं आरसी निरस्त करने और चालान की राशि बॉडी मेकरों से वसूलने के लिए संबंधित डीटीओ को लिखा जाएगा।
जगदीश अमरावत, आरटीओ सीकर