-खेत की रखवाली के लिए लगाई थी फेंसिंग
-दस माह पहले भी हो चुकी घटना
रायसिंहनगर(श्रीगंगानगर). खेत की रखवाली के लिए लगाए गए फेंसिंग तार किसानों के लिए जानलेवा साबित हो रहे हैं। क्षेत्र के मुकलावा थानांतर्गत गांव 20 पीएस के पास खेत में काम करने के दौरान खेत के चारों ओर लगे फेंसिंग तारों में प्रवाहित करंट लगने से गुरुवार को दो किसानों की मौत हो गई। घटना के बाद खेत में काम कर रहे खेत के मालिक ने हादसे के शिकार दोनों किसानों को इलाज के लिए निजी चिकित्सालय में भर्ती करवाया गया। जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। घटना की जानकारी मिलने पर पुलिस निजी चिकित्सालय पहुंची व शवों को कब्जे में लेकर राजकीय चिकित्सालय की मोर्चरी में रखवाया गया।घटनाक्रम के अनुसार गुरुवार दोपहर 10 पीएस निवासी चिमनलाल पुत्र खेताराम व 20 पीएस निवासी हीरालाल पुत्र फूसाराम खेत में काम कर रहे थे। इसी दौरान खेत की रखवाली के लिए लगी फेंसिंग तारों में प्रवाहित हो रहे करंट की चपेट में आने से दोनों किसानों की मौके पर ही मौत हो गई। मृतक चिमनलाल के पिता खेताराम नायक ने पुलिस को दी गई रिपोर्ट में बताया कि खेत मालिक मलकीत सिंह ने उसको सूचना दी की उसका पुत्र चिमनलाल व उसका साथी हीरालाल की खेत में काम करते समय करंट लगने से मौत हो गई है। उन्होंने घटना को लेकर कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है।
किसानों के लिये जानलेवा साबित हो रही है फेंसिग तारबंदी—
खेतों की रखवाली के लिए लगाई जानी वाली फेंसिंग तारबंदी किसानों के लिए जानलेवा साबित हो रही है। इस घटना से पहले भी 28 जून 2022 को गांव नानूवाला में एक किसान की खेत में लगी फेंसिंग में हाई वोल्टेज करंट प्रवाहित हो जाने से तार की चपेट में आने से एक किसान की मौके पर ही मौत हो गई थी। इसी दौरान किसी कार्य से आया पड़ोसी 14 वर्षीय किशोर भी करंट की चपेट में आने से झुलस गया था।————————————–
असावधानी ले सकती है जान —- जानकारों की माने तो कभी-कभी किसान 220 वाट या 440 वाट की घरेलू बिजली को ही खेत के चारों ओर नंगे तारों में प्रवाहित कर देते हैं। इस तरह की अवैज्ञानिक और अवैध रूप से लगाईं हुई अमानक स्तर की बिजली की बाड़ के संपर्क जानवरों या कभी-कभी व्यक्तियों की मृत्यु तक हो जाती है। ——————————————–
क्या है इलेक्ट्रिक बाड़ प्रणाली –
कंटीली बाड़ की तरह इलेक्ट्रिक बाड़ भी खेत के चारों तरह खंभे लगाकर की जाती है। सामान्यतः ये तार स्टील के गैलेवेनाइज्ड होते हैं। इन तारों से हाई वोल्टेज की विद्युत की सूक्ष्म धारा प्रवाहित की जाती है। यह विद्युत धारा निरंतर न होकर पल्स के रूप में अर्थात थोड़े थोड़े समय अन्तराल में प्रवाहित की जाती है। इन तारों को छूने से किसी भी जानवर या इंसान को सुरक्षित झटका लगता है जो कि पुनः वे इस तार के संपर्क में आने से बचते हैं। यह बाड़ जानवरों के लिए एक तरह से मनोवैज्ञानिक अवरोध रूप से कार्य करती है।