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SURAT VIDEO/ मनपा का एक और घोटाला : सफाई के बिना ही सड़कों पर दौड़ती हैं स्वीपर मशीनें

आम आदमी पार्टी के पार्षद लगातार खोल रहे पोल, ठेकेदार एजेंसी से जुर्माना वसूलने व ब्लैकलिस्ट करने की मांग

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सूरत. मनपा में प्रमुख विपक्षी आम आदमी पार्टी के पार्षद एक के बाद एक मनपा के घोटाले उजागर कर रहे हैं। अब रात के दौरान स़ड़कों की सफाई के लिए चलाई जानेवाली स्वीपर मशीनों में किए जा रहे भ्रष्टाचार का भंड़फोड़ किया है। विपक्षी पार्षदों ने सफाई किए बिना ही सिर्फ रूट पर घूमकर मनपा को चूना लगाने की करतूत को कैमरे में कैद कर सोशल मीडिया पर जारी किया है। जनता के रुपए की सफाई का सत्तापक्ष पर आरोप लगाते हुए अब उन्होंने ठेकेदार एजेंसी से जुर्माना वसूलने व ब्लैकलिस्ट करने की मांग की है।

मनपा की ओर से शहर की सड़कों की सफाई के लिए रात्रि सफाई का कार्य ठेके पर सौंपा गया है। इसमें मैन्युअली तो सफाई की जानी होती ही है, साथ में रोड़ स्वीपर मशीनों से सड़कों की सफाई के लिए भी अलग से ठेका दिया गया है। इन मशीनों को लेकर गड़बड़ी की शिकायतेंं लगातार मिलती रही है, लेकिन शिकायतों पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। इस दौरान शुक्रवार रात आम आदमी पार्टी के पार्षद धर्मेश भंडेरी, विपुल सुहागिया और जितेन्द्र काछडिया ने मिलकर स्वीपर मशीनों के जरिए सफाई के नाम पर मनपा को लगाए जा रहे चूना का भंड़ाफोड़ किया।

वराछा-ए जोन में शुक्रवार रात के समय जैसे ही स्वीपर मशीन अपने रूट पर निकली, वैसे ही आप पार्षदों ने उसका पीछा करते हुए वीडियो बनाना शुरू किया। वीडियो के मुताबिक मशीन बगैर सफाई किए ही रूट पर दौड़ती रही और फिर से डिपो में लौटने लगी। इस दौरान आप पार्षदों ने वनमाली जंक्शन के पास चालक को रोका और अधिकारियों से इसकी शिकायत की। धर्मेश भंडेरी ने बताया कि सफाई के नाम पर सिर्फ मशीनें सड़कों पर दौड़ाई जा रही हैं और मनपा की तिजोरी से जनता के रुपए लूटे जा रहे हैं। इसे लेकर मनपा आयुक्त को पत्र लिखकर ठेकेदार एजेंसी से जुर्माना वसूलने व ब्लैकलिस्ट करने की मांग की है।

रात 9 से सुबह 6 बजे तक चलानी होती है मशीनें

आप पार्षदों ने बताया कि टेंडर के मुताबिक ठेकेदार एजेंसी को रात 9 बजे से सुबह 6 बजे तक 30 किमी के रूट पर स्वीपर मशीन से सफाई करनी होती है, लेकिन अधिकतर मशीनें रात 12 बजे डिपो से निकलती है और 30 किमी घूमकर एक से डेढ़ घंटे में ही लौटकर आ जाती है। यानी सफाई के नाम पर कुछ भी नहीं? आश्चर्य तो यह भी है कि सफाईकर्मियों की निगरानी करने वाले भी मिलीभगत के चलते सड़कों पर कम ही दिखाई देते हैं और अधिकारियों को भी गंदगी नहीं दिखाई देती।मनपा में लगातार भ्रष्टाचार के चलते ही सूरत स्वच्छता में पिछड़ते जा रहा है।