सूरत. नारायण सांई व उसके नौ सहयोगियों के खिलाफ बलात्कार मामले में फैसला सुनाए जाने के लिए शुक्रवार को सुबह उन्हें कड़ी सुरक्षा के बीच अठवालाइन्स स्थित कोर्ट परिसर में लाया गया। इससे पूर्व कोर्ट परिसर में बड़ी तादाद में पुलिस बल तैनात कर दिया गया। सुबह करीब साढ़े ग्यारह बजे आलाधिकारियों के साथ एसओजी, डीसीबी व पीसीबी की पुलिस टीमें एक वैन में लाजपोर जेल से नारायण साईं व अन्य अभियुक्तों के लेकर कोर्ट पहुंची। कोर्ट में मीडिया के साथ नारायण के कुछ अनुयायी भी मौजूद थे। पुलिस नारायण समेत अन्य आरोपियों को कॉर्डन कर न्यायालय परिसर में ले गई। सूत्रों का कहना है कि कुछ देर बाद कोर्ट इस मामले में नारायण व अन्य अभियुक्तों को सजा सुना सकती है। गौरतलब है कि जहांगीरपुरा थाने में 6 अक्टूबर, 2013 को सूरत की एक साधिका ने नारायण सांई, कौशल उर्फ हनुमान ठाकुर, गंगा उर्फ धर्मिष्ठा और जमान उर्फ भावना को नामजद करते हुए बलात्कार की शिकायत दर्ज करवाई थी। जांच के दौरान अन्य अभियुक्तों की लिप्तता सामने आने के बाद पुलिस ने कुल 34 अभियुक्तों की गिरफ्तारी की थी। जांच के बाद पुलिस ने पहले 30 और बाद में पांच अभियुक्तों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट पेश की थी। मामले पर सुनवाई पूरी होती इससे पहले 24 अभियुक्तों ने उच्च न्यायालय में क्वॉशिंग पिटीशन दायर की थी, जिससे उनके खिलाफ सुनवाई पर रोक लगी हुई है। वहीं अजय रंजन मिश्रा नाम के अभियुक्तों के खिलाफ सबूत नहीं मिलने पर पुलिस ने सीआरपीसी की धारा 169 के तहत रिपोर्ट पेश की थी, तब से नारायण सांई, धर्मिष्ठा उर्फ गंगा, भावना उर्फ जमुना, कौशल उर्फ हनुमान रमेश मल्होत्रा, मोहीत भोजवाणी, पंकज उर्फ चिंटू देवड़ा, अजय दिवान, नेहा दिवान और मोनिका अग्रवाल के खिलाफ सेशन कोर्ट में सुनवाई चल रही थी। पूर्व में कोर्ट ने फैसले के लिए १९ अप्रेल का तारीख तय की गई थी लेकिन बाद में कोर्ट ने इसे २६ पर टाल दिया था।