हनोतिया गांव के भवानी सिंह ने अपने मित्र ओम बिड़ला के साथ की थी कारसेवा
टोंक. निवाई. अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियां अयोध्या के साथ साथ पूरे देश में जोरशोर की जा रही है। जगह-जगह विभिन्न कार्यक्रम किए जा रहे हैं।
विवादित ढांचे के विरुद्ध की गई कार सेवा करने वाले कारसेवकों के किस्से भी जीवंत हो उठे। कार सेवा करने वाले कार सेवक राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा को लेकर अति उत्साहित हैं।
निवाई तहसील के हनोतिया बुजुर्ग गांव के एक युवा भवानी सिंह राजावत ने अपने मित्र ओम बिड़ला के साथ अयोध्या में कार सेवा की थी। बाद में दोनों मित्र भाजपा के विभिन्न दायित्व निर्वहन करते हुए दोनों कोटा से विधायक व मंत्री भी रहे। ओम बिड़ला वर्तमान में कोटा से सासंद और लोकसभाध्यक्ष है।
कारसेवा का किस्सा सुनाते हुए पूर्व विधायक भवानी सिंह राजावत कहते है कि हम मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के वंशज है। हमारे आराध्य देव का मंदिर अयोध्या में उनके जन्म स्थान पर बने के लिए वर्ष 1990 और 1992 दोनों समय अयोध्या में कारसेवा का सौभाग्य प्राप्त हुआ।
वर्ष 1990 में कारसेवा में मंदिर के आसपास की मिट्टी सरयू में प्रवाहित करने कि जिम्मेदारी मिली थी। जिसे मैं व मेरे दोस्त ओम बिडला ने मिलकर पूरी की। इसके बाद वर्ष 1992 में कारसेवा के लिए हम कोटा से लखनऊ पहुंचे और फिर चार दिनों में छुपते-छुपाते अयोध्या पहुंचे। हमारे पास अयोध्या फैजाबाद का एक शादी का कार्ड हाथ लग गया था।
जिसे हम पुलिस वालों को दिखाकर आगे बढ़ जाते। 6 दिसम्बर 1992 को विवादित ढांचे को जय श्रीराम के नारे के साथ ढहा दिया गया और इसी समय पुलिस फायरिंग हुई। जिससे जबरदस्त भगदड़ मच गई। फायरिंग और भगदड़ से कई कारसेवक बैकुण्ठवासी हो गए और कई घायल हो गए।
राजस्थान के कारसेवकों की लाशों को हमने हमारे हाथों से उठाया और घायलों की मदद की। कारसेवा से सकुशल घर वापसी पर हम दोनों दोस्तों का जबरदस्त स्वागत हुआ। हम सभी रामभक्त व कारसेवक खुशकिस्मत है कि 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होते देख रहे है।(ए.सं.)
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एनई1501सीई- निवाई राम मंदिर के लिए कार सेवा के दौरान यूपी पुलिस के बीच घिरे ओम बिड़ला व भवानी सिंह राजावत।