उज्जैन. सावन के आखिरी सोमवार को बाबा महाकाल की पालकी नगर भ्रमण पर निकली तो जयकारों से पूरा शहर गूंज उठा। महाकाल मंदिर के पट सोमवार को रात ढाई बजे से खुले। सुबह 6 बजे तक चली भस्म आरती के दौरान लगभग 34 हजार 316 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। वहीं सवारी और दिनभर चले दर्शन के दौरान करीब ढाई लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने बाबा की झलक को निहारा।
श्रावण माह के अंतिम सोमवार को भगवान महाकाल की सवारी निकाली गई। चांदी की पालकी में श्री चन्द्रमौलेश्वर, हाथी पर श्री मनमहेश, गरूड़ रथ पर शिवतांडव, नन्दी रथ पर उमा-महेश, डोल रथ पर होल्कर स्टेट के मुखारङ्क्षवद, बैलगाड़ी में श्री घटाटोप स्वरुप, श्री जटाशंकर रूप व अष्टम सवारी में श्री रुद्रेश्वर स्वरुप में विराजित होकर अपनी प्रजा का हाल जानने बाबा महाकाल भ्रमण पर निकले। पूजन-अर्चन मुख्य पुजारी पं. घनश्याम शर्मा द्वारा कराया गया। प्रशासक संदीप सोनी ने बताया मंदिर के सभी द्वार से श्रद्धालुओं, कावड़ यात्रियों, वृद्धजनों, दिव्यांगों आदि को प्रवेश देकर सुलभ दर्शन की व्यवस्था की गई। 11 सितम्बर तक प्रत्येक सोमवार रात ढाई बजे और अन्य दिनों में तड$के 3 बजे मंदिर के पट खुलेंगे।
गोपाल मंदिर के सामने हुई ङ्क्षसधिया स्टेट की तरफ से पूजा
भगवान महाकाल की सवारी रामघाट से रामानुजकोट, मोढ़ की धर्मशाला, कार्तिकचौक, खाती का मंदिर, सत्यनारायण मंदिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्री चौक होते हुए गोपाल मंदिर पहुंची। यहां पर परंपरानुसार ङ्क्षसधिया स्टेट की ओर से गोपाल मंदिर के पुजारी द्वारा पालकी में विराजित श्री चन्द्रमौलेश्वर का पूजन किया गया। पूजन के बाद सवारी पटनी बाजार, गुदरी चौराहा होते हुए श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुंची। सभामंडप में श्रीजी के सभी विग्रहों का पूजन-आरती कर सवारी का विश्राम किया गया।
तिरंगे के साथ हनुमान जी का झंडा
सवारी में इस बार धर्म ध्वजा के साथ तिरंगा लहराता नजर आया। धर्म ध्वजा में हनुमानजी का झंडा था, जिस पर जयश्री राम का नारा लिखा था। कई लोगों ने इस झंडे को देखकर तरह-तरह के कमेंट््स भी किए। प्रशासन की पैनी नजरों से बचकर इस तरह की ध्वज पताकाएं सवारी में शामिल हो रही हैं।
अगली सवारी 4 को
भाद्रपद माह की प्रथम और नौवीं सवारी 4 सितंबर को निकलेगी। इस दौरान पालकी में श्री चन्द्रमौलेश्वर, हाथी पर श्री मनमहेश, गरुड़ रथ पर शिवतांडव, नन्दी रथ पर उमा-महेश और डोल रथ पर होल्कर स्टेट के मुखारङ्क्षवद, श्री घटाटोप मुखोटा, रथ पर श्री जटाशंकर, श्री रुद्रेश्वर स्वरूप व नवम सवारी में श्री चन्द्रशेखर स्वरूप सम्मिलित रहेगा।
चंद्रयान का मुकुट बना आकर्षण का केंद्र
सवारी में साथ चलने वाली स्वामी मंडली में इस बार स्वामी मुस्कुराके का पहनावा और चंद्रयान पर आधारित मुकुट आकर्षण का केंद्र रहा। पूरे सवारी मार्ग में चोपदार व तोपची भगवान के आगमन की सूचना देते आगे चल रहे थे। ढोल वादक, झांझ वादक, डमरू वादक भक्ति में लीन नजर आए। इनके अलावा अलग-अलग स्वरूप बनाकर साथ चलने वाले भी बाबा के जयकारे लगाते निकले।
सीएम ने पत्नी साधना संग लड्डू प्रसादी बनाया
उज्जैन. शहर आए मुख्यमंत्री शिवराजङ्क्षसह चौहान सोमवार को पत्नी साधनाङ्क्षसह संग बाबा महाकाल के दर्शन करने पहुंचे। दर्शन उपरांत राखी पर्व पर बाबा महाकाल को अर्पित किए जाने वाले सवा लाख लड्डुओं के निर्माण का अवलोकन किया। इस दौरान उन्होंने पत्नी साधनाङ्क्षसह के साथ लड्डू बनाने में सहयोग दिया। इस दौरान महापौर मुकेश टटवाल, दिलीप गुरु व प्रशांत गुरु सहित अन्य मौजूद थे।