उज्जैन. मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में प्रवेश को लेकर भाजपा मंडल अध्यक्ष और कार्यकर्ताओं का पुलिसकर्मियों से जमकर विवाद हो गया। बात इतनी बड़ी कि मंडल अध्यक्ष परेश कुलकर्णी और एक पुलिसकर्मी में झूमाझटकी की नौबत आ गई। व्यवस्था सुधारने के लिए मंत्री मोहन यादव को मंच से नीचे आना पड़ा। मुख्यमंत्री तब तक कार्यक्रम में नहीं आए थे।
कार्यक्रम स्थल पर मंच के सामने विशिष्ट अतिथियों के बैठने की पृथक से व्यवस्था थी। यहां तैनात पुलिसकर्मी प्रमुख लोगों को ही प्रवेश दे रहे थे। भाजपा पं. दीनदयाल मंडल अध्यक्ष, एमआइसी सदस्य कैलाश प्रजापत व अन्य भाजपाइयों के साथ पहुंचे तो उन्हें रोक दिया गया। कहासुनी के बाद परेश को अंदर आने दिया लेकिन अन्य को फिर रोक दिया। इस पर कार्यकर्ता नाराज हो गए और नारे लगाते हुए प्रवेश देने की मांग करने लगे। मंच से ही मंत्री यादव ने सभी को व्यवस्था बनाए रखने का कहा। इधर प्रवेश को लेकर पुलिस व भाजपाइयों के बीच कहासुनी और बढ़ गई। एक पुलिसकर्मी ने परेश को पकड़ लिया जिस पर वे आक्रोशित हो गए और दोनों के बीच झूमाझटकी की स्थिति बन गई। अन्य कार्यकर्ता भी गुस्से में आ गए और धक्का मुक्की शुरू कर दी। इससे थोड़ी ही देर में व्यवस्था गड़बड़ा गई। बड़ी मुश्किल से पुलिस अधिकारियों कार्यकर्ताओं को अलग किया। विवाद के बाद सभी को अंदर आने दिया गया।
कलाकारों का भी विवाद, कार्यक्रम से गए- कार्यक्रम में कुछ गायक व संगीतकारों को भी प्रस्तुति देेने के लिए बुलाया गया था। साउंड सिस्टम रखे तखत के हिलने को लेकर एक गायक व सिस्टम संचालकों का विवाद हो गया। यहां भी झूमाझटकी की स्थिति बन गई। पुलिस ने दोनों पक्षों को अलग किया। विवाद के बाद कलाकारों की टीम मुख्यमंत्री के आने से पहले ही कार्यक्रम से चली गई।
धरने पर बैठ गए कार्यकर्ता, नारेबाजी भी की
झूमाझटकी से नाराज कुछ कार्यकर्ता कुर्सी छोड़ जमीन पर बैठ गए और धरना देने लगे। कार्यकर्ताओं ने पुलिस-प्रशासन मुर्दाबाद के नारे लगाए। व्यवस्था बिगड़ती देख मंत्री मोहन यादव को मंच से नीचे आना पड़ा। वे विशिष्ट अतिथि स्थल के प्रवेश द्वार पर गए और पुलिसकर्मी व भाजपाइयों को समझाइश दी। इसके बाद द्वार पर पुलिस के साथ भाजपा के एक कार्यकर्ता को भी तैनात किया ताकि प्रवेश को लेकर दोबारा विवाद की स्थिति न बने।