उज्जैन. स्मार्ट सिटी के कार्य की गुणवत्ता पर एक बार फिर सवाल उठने लगे हैं। इस बार निर्माणाधीन मेघदूत वन सरफेज पार्किंग में कमियां सामने आ रही हैं। अभी यहां वाहनों की पार्किंग शुरू तक नहीं हुई है और सीमेंट कांक्रीट की सरफेज में जगह-जगह छोटी-बड़ी दरारे पडऩे लगी हैं।
इंदौर रोड हरिफाटक ब्रिज के नजदीक मेघदूत वन (मन्नत गार्डन) में स्मार्ट सिटी कंपनी द्वारा दो हिस्सो में सरफेज पार्किंग का निर्माण किया जा रहा है। इसका ठेका इंदोर की तीर्थ गोपीकॉन कंपनी को दिया गया है। प्रोजेक्ट तीन महीने में पूरा करने का लक्ष्य है लेकिन निर्माण पूरा होने के पहले कार्य की गुणवत्ता पर सवाल खड़े होने लगे हैं। यहां सीमेंट कांक्रीट में अभी से क्रेक्स आना शुरू हो गए हैं। कुछ जगह तो दरारे इतनी बड़ी हुई कि ठेकेदार से हाथोहाथ रिपेयर तक करवाना पड़ी है। जानकारों का कहना है यदि अभी इन क्रेक्स की गड़बड़ी को दूर नहीं किया तो पार्किंग शुरू होने के बाद कुछ सालों में ही सरफेज की हालत काफी खराब हो जाएगी।
सरफेज पर ६०० वाहनों का रहेगा दबाव
प्रोजेक्ट अंतर्गत २.३० हेक्टेयर भूमि पर सरफेज पार्किंग विकसित की जा रही है। इसके निर्माण में ९ करोड़ रुपए से अधिक खर्च हो रहे हैं। एक समय में यहां ६०० वाहन पार्क हो सकेंगे। इनमें 500 फोर व्हीलर, 10 बसें, 150 बाइक, 12 ई-रिक्शा पार्क की जा सकती है। इस लिहाज से पार्किंग सरफेज पर एक समय में ६०० वाहनों का दबाव रहेगा वहीं रोज हजारों वाहनों का आना-जाना होगा। इसलिए सीमेंट कांक्रीट सरफेज का गुणत्तायुक्त होना और भी जरूरी है।
मिट्टी खिसकी तो जल्द टूटेगा सरफेज
जिस जगह सरफेज पार्किंग बनाया जा रहा है, वह शिप्रा नदी के नजदीक ही है। पूर्व में यह स्थान सडक़ लेवल से काफी नीचे था। मिट्टी का भराव कर इसे समलत किया गया है। इसके अलावा नजदीक ही सीवर लाइन भी निकली है। इस तरह यहां भविष्य में मिट्टी खिसकने की भी स्थिति बन सकती है। ऐसा होता है तो सरफेज जल्द टूटने लगेगा। इसलिए इन विपरित स्थितियों को भी ध्यान में रख निर्माण का पैमाना तय करना जरूरी है।
स्मार्ट सिटी ने भी सुधार के निर्देश दिए
क्रेक्स आने की समस्या को लेकर स्मार्ट सिटी कंपनी ने भी ठेकेदार को सुधार के निर्देश दिए हैं। सूत्रों के अनुसार ठेकेदार कंपनी को पत्र जारी कर एयर के्रक्स दुरस्त करने का कहा है। इसके बाद कुछ जगह रिपेयरिंग वर्क भी किया गया है।
इनका कहना
सरफेज पर क्रेक्स को लेकर ठेकेदार को दुरस्त करने व निर्माण में गुणवत्ता का पूरा ध्यान रखने के निर्देश दिए हैं। कुछ जगह रिपेयरिंग करवा ली गई हैं।
– नीरज पांडेय, अधीक्षण यंत्री स्मार्ट सिटी कंपनी